सर्वे में इकोनॉमिक डायवर्सिफिकेशन के लिए पशुपालन, डेयरी और मछली पालन को बढ़ावा देने की बात कही गई है. हालांकि ,इस सर्वे में जलवायु परिवर्तन और पानी की कमी जैसी चुनौतियों पर भी फोकस किया गया है. साथ ही कहा गया है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी को अपनाने और ई-एनएएम जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से किसानों को ज्यादा लाभ मिलेगा.
देश में दलहन और तिलहन के उत्पादन में लगातार गिरावट आने की समस्या से निपटने के लिए जलवायु-अनुकूल फसल किस्मों को विकसित करने की जरूरत है, ताकि उपज को बढ़ाया जा सके. साथ दी धान की जगह दलन की बुवाई करने से भी दलहन उत्पादन में बढ़ावा मिलेगा और कीमतों को बढ़ने से रोका जा सकता है.
तीसरे तिमाही के नतीजों के बाद कंपनी नेट प्रॉफिट में सालाना आधार पर 466.75 फीसदी बढ़कर 471.392 करोड़ रुपये हो गया.
संसद के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने लोकतंत्र, विकसित भारत, देश के गरीब और मध्यम वर्ग के लिए अपने विजन पर बात की.
Redtape Bonus Share: पिछले 6 महीनों में रेडटेप के शेयर 8 फीसदी फिसले हैं. एक साल में, स्मॉलकैप स्टॉक ने 13 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है. कंपनी फैशन और लाइफस्टाइल सेगमेंट में कारोबार करती है.
Lay’s Potato Chips: चिप्स से गंभीर स्वास्थ्य परिणाम या यहां तक कि इससे मौत होने का भी खतरा है. इस समस्या की पहचान तब हुई जब एक कंज्यूमर ने प्रोडक्ट में दूध की मौजूदगी के बारे में लेज को सचेत किया. पेप्सिको की सब्सिडियरी कंपनी फ्रिटो-ले लेज आलू चिप्स बनाती है.
भारत में पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट को दो कंपनियां- Munitions India Ltd और Economic Explosives Ltd बनाएंगी. आइए इसके बारे में जानते हैं
जांच में यह भी पता चला कि इनमें से अधिकांश कंपनियों के लिए GST रिटर्न सामान्य IP पतों से दाखिल किए गए थे, जिससे पता चलता है कि वे सभी एक ही आरोपी द्वारा संचालित थे. कंपनियों के परिसरों में आगे की तलाशी में कई स्थानों पर संग्रहीत चालान और वित्तीय रिकॉर्ड जैसे मूल दस्तावेज मिले, जो संकेत देते हैं कि एक ही व्यक्ति कई कंपनियों के मामलों का प्रबंधन कर रहा था.
बता दें कि ई-श्रम माइक्रोसाइट स्टेट स्पेसिफिक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जो राष्ट्रीय ई-श्रम डेटाबेस के साथ आसानी से जुड़ा हुआ है. राज्य पोर्टल और ई-श्रम पोर्टल के बीच टू वे इंटीग्रेशन की सुविधा प्रदान करते हुए, यह असंगठित श्रमिकों के आसानी पंजीकरण की सुविधा मुहैया कराएगा. इससे असंगठित श्रमिकों के लिए केन्द्रीय और राज्य कल्याण कार्यक्रमों में वन-स्टॉप समाधान मिलेगा.
सेबी का कहना है कि इन चारों कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी पहलूओं को पूरा करने में असमर्थ हुए हैं जिसके बाद ये कदम उठाया गया है.