एसएंडपी ग्लोबल की कंपनी का 2024 की पहली (जनवरी-मार्च) तिमाही में शुद्ध लाभ 137.72 करोड़ रुपये रहा था।
उद्यमों से एकत्रित पूंजीगत व्यय आंकड़ा पांच साल की अवधि में पूंजीगत व्यय के रुझान का विश्लेषण करने के लिए एक विश्वसनीय आधार के रूप में कार्य करता है। सर्वेक्षण के परिणाम 2021-22 से 2024-25 तक चार साल की अवधि में कुल पूंजीगत व्यय में 66.3 प्रतिशत की समग्र वृद्धि दर्शाते हैं।
मदर डेयरी के अधिकारी ने कहा, 'खरीद लागत में उल्लेखनीय वृद्धि से निपटने के लिए कीमतों में संशोधन जरूरी हो गया है। पिछले कुछ महीनों में लागत चार-पांच रुपये प्रति लीटर बढ़ चुकी है।'
उच्चतम न्यायालय ने 3 अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2024 के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें 2016 के एसएससी भर्ती अभियान के माध्यम से नियुक्त 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द कर दिया गया था तथा पूरी चयन प्रक्रिया को ‘‘दागदार’’ करार दिया था. बेरोजगार हुए लोगों ने दावा किया कि उनकी इस दशा का कारण एसएससी की यह अक्षमता थी कि वह फर्जी तरीकों से नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों और उपयुक्त तरीकों से नौकरी पाने वालों के बीच अंतर नहीं कर सका.
कंपनी ने कहा कि 31 मार्च, 2025 तक इसकी सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) और शुद्ध एनपीए क्रमशः 0.96 प्रतिशत और 0.44 प्रतिशत थीं. कंपनी के निदेशक मंडल ने 2024-25 के लिए दो रुपये अंकित मूल्य के प्रत्येक इक्विटी शेयर पर 44 रुपये का अंतिम लाभांश देने की सिफारिश की है.
इन आश्रय गृहों की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, 'वित्त मंत्री ने सभी संबंधित पक्षों से बुनियादी ढांचे की कमियां दूर करने, अंतिम उपयोगकर्ता अनुभव और साइबर सुरक्षा ढांचा बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।'
केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर ने हरित और टिकाऊ वित्त के लिए संरचनात्मक मुद्दों और उपलब्ध वित्तपोषण की मात्रा से संबंधित चुनौतियों का उल्लेख किया. राव ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर हरित बदलाव का नेतृत्व करने की क्षमता भी रखता है.
निर्यातकों के अनुसार ऐसे में बादाम, किशमिश, खुबानी और पिस्ता जैसे सूखे मेवों की घरेलू कीमतों में उछाल आ सकता है।
इस बात पर जोर देते हुए कि (हमले से संबंधित) कुछ सवालों पर ध्यान देने की जरूरत है, पवार ने कहा, ‘‘अगर उन्होंने इसे एक कमी के रूप में स्वीकार कर लिया है, तो आज इस पर बहस करने का समय नहीं है.’’ पवार ने यहां सासवड में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय सभी के सामने प्राथमिकता यह है कि जिन लोगों पर हमला हुआ है उनके जीवन में विश्वास का माहौल कैसे बनाया जाए.