देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू व्हीलर कंपनी Ola Electric एक फिर रिस्ट्रक्चरिंग करने जा रही है. फाउंडर और सीईओ भाविश अग्रवाल कंपनी को प्रॉफिटेबल बनाने को लेकर काफी दबाव में हैं. इसी सिलसिले में कंपनी की फिर से रिस्ट्रक्चरिंग की जा रही है. रिस्ट्रक्चरिंग का मकसद कंपनी की ऑपरेशनल एफिशिएंसी को बढ़ाना और प्रॉफिट मार्जिन में सुधार करना है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक भाविश अग्रवाल की अगुआई में ओला इलेक्ट्रिक चौथी बार रिस्ट्रक्चरिंग करने जा रही है. इस बदलाव की वजह से कंपनी में अलग-अलग भूमिकाओं में 500 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आ सकता है. हालांकि, ओला की तरफ से आधिकारिक तौर पर इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
यह पहली बार नहीं है जब ओला इलेक्ट्रिक के संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव हो रहे हैं. कंपनियां बदलती हुई व्यावसायिक प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठाने के लिए समय-समय इस तरह के बदलाव करती हैं. कंपनी में जुलाई 2022, सितंबर 2022 और मार्च 2024 में भी रिस्ट्रक्चरिंग की गई है.
ओला इलेक्ट्रिक ने अपने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करने के लिए रिस्ट्रक्चरिंग के तहत यूज्ड कार, क्लाउड किचन और ग्रॉसरी डिलीवरी को बंद कर दिया. इसकी वजह से करीब 1,000 कर्मचारियों की छंटनी हुई. इस दौरान ओला ने ईवी सेगमेंट के लिए 800 नए कर्मचारियों को नियुक्त किया. इसके बाद सितंबर 2022 में ओला इलेक्ट्रिक के संचालन को केंद्रीकृत और व्यवस्थित करने के लिए रिस्ट्रक्चरिंग की गई.
ओला इलेक्ट्रिक की सहयोगी कंपनी, ओला कंज्यूमर के रिस्ट्रक्चरिंग की घोषणा की गई, जिसके तहत 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की गई. इसी समय ओला कैब्स के सीईओ हेमंत बख्शी ने भी कंपनी छोड़ दी थी.
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड ने 2 अगस्त, 2024 को अपना आईपीओ लॉन्च किया, जिसका सब्सक्रिप्शन 6 अगस्त, 2024 को समाप्त होगा। शेयर 9 अगस्त, 2024 को बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध किए गए. इसके बाद यह पहली बार रिस्ट्रक्चरिंग हो रही है.
कंपनी ने आईपीओ के जरिये 6,145.56 करोड़ रुपये जुटाए थे. ओला के शेयरों की इश्यू प्राइस 76 रुपये थी. इश्यु प्राइस से फिलहाल कंपनी के शेयर की प्राइस में 26% की गिरावट आ चुकी है. गुरुवार को कंपनी के शेयर की प्राइस 67.23 रुपये रही. कंपनी के अगर पॉजिटिव नेगेटिव की बात करें, तो फिलहाल इसकी शेयर प्राइस इसकी बुक वेल्यू से 451% ज्यादा है. इसके अलावा कंपनी पर कर्ज कम नहीं हो रहा है.
कंपनी ने 30 जून, 2024 को समाप्त तिमाही के लिए 14 अगस्त, 2024 को आईपीओ के बाद अपना पहला वित्तीय परिणाम जारी किया. इसके मुताबिक राजस्व में 38.5 फीसदी यानी 1,240 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. ईवी की बढ़ती मांग और मजबूत राजस्व वृद्धि के बावजूद कंपनी प्रॉफिटेबल नहीं है.
कंपनी के सामने प्रॉफिटेबिलिटी ही एकमात्र चुनौती नहीं है. कंपनी कई कानूनी पचड़ों में भी फंसी है. सेवा में कमियों और उत्पाद की गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के आरोपों के बाद भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) कंपनी की जांच कर रही है. यह जांच केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की तरफ से की गई समीक्षा के बाद शुरू की गई.
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