प्रदूषण इस समय की सबसे बड़ी समस्या है और ये केवल दिल्ली ही नहीं भारत के कई शहरों को अपनी चपेट में ले रहा है. इसमें पेट्रोल-डीजल का बड़ा योगदान होता है क्योंकि सड़कों पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसलिए महाराष्ट्र अब मुंबई में पेट्रोल-डीजल गाड़ियों पर बैन लगाने की संभावना पर विचार कर सकता है.
दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (MMR) में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की संभावना पर अध्ययन करने के लिए सात-सदस्यीय समिति का भी गठन किया है. यह कदम शहर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.
पहले बता दें कि, मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में मुंबई के साथ-साथ आसपास के ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिले भी शामिल हैं.
इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार श्रीवास्तव करेंगे, समिति में महाराष्ट्र के परिवहन आयुक्त, मुंबई के जॉइंट पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक), महानगर गैस के एमडी, महाराष्ट्र स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अध्यक्ष, और जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (एनफोर्समेंट-1) बतौर सदस्य शामिल होंगे. यह समिति तीन महीने में अपनी सिफारिशों के साथ रिपोर्ट सौंपेगी.
समिति को विशेषज्ञों को शामिल करने और उनसे फीडबैक लेने का अधिकार भी दिया गया है.
इस कदम का फैसला इस साल की शुरुआत में बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका (PIL) के बाद लिया गया है. हाई कोर्ट ने कहा था कि वाहनों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का मुख्य स्रोत हैं.
दिसंबर 2024 में मुंबई का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI खराब कैटेगरी में दर्ज किया गया था. प्रदूषण में बढ़ोतरी का मुख्य कारण 11,000 से ज्यादा निर्माण परियोजनाओं का चलना, बदलते हवा के पैटर्न और तापमान का कम होना था.