RBI ने बुधवार को अपना मासिक बुलेटिन जारी किया है. इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर आंकड़ों के हवाले से चर्चा करते हुए बताया गया है कि देश में सभी स्तरों पर खपत में तेजी आ रही है. डाटा इस बात का संकेत दे रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द ही हाई ग्रोथ ट्रैक पर लौट सकती है.
RBI के बुलेटिन में बताया गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (FY25 H2) में आर्थिक गतिविधियों में तेजी के संकेत मिल रहे हैं. इसके अलावा खपत में भी तेजी आ रही है, जिससे माना जा सकता है कि यह तेजी आगे भी जारी रह सकती है. रिजर्व बैंक की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वाहनों की बिक्री में आई तेजी, हवाई यातायात में बढ़ोतरी, स्टील की खपत और जीएसटी ई-वे बिल जैसे डाटा से इस बात की पुष्टि होती है कि अर्थव्यवस्था अब रिकवरी मोड में आ गई है.
RBI की तरफ से फरवरी महीने के लिए जारी इस बुलेटिन में कहा गया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आ रही मजबूती और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट व टैरिफ आधारित व्यापार नीति की वजह से लगातार डॉलर मजबूत हो रहा है. इसकी वजह से भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं से बड़े स्तर पर निवेशकों की तरफ से पूंजी निकाली जा रही है, जिसकी वजह से रुपये में भारी कमजोरी आई है. इसके साथ ही इस बुलेटिन में यह आशंका भी जताई गई है कि अगले महीने में भी यह निकासी जारी रह सकती है, जिससे आने वाले दिनों में बाहरी फैक्टरर्स के मोर्चे पर हमारी अर्थव्यवस्था की स्थिति नाजुक बनी रह सकती है.
बाहरी फैक्टर्स की चिंता के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था के हाई ग्रोथ ट्रैक पर लौटने की उम्मीद जताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर जारी अनिश्चितता और अस्थिरता के बीच भी भारत में आर्थिक गतिविधियों में तेज गति बरकरार रहने की उम्मीद है. खासतौर पर कृषि क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन से ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में भारी बढ़ोतरी होने की उम्मीद को बल मिला है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में घोषित आयकर राहत और हाल में ही आए महंगाई के डाटा से भी राहत मिली है. इस तरह मोटे तौर पर खपत और खर्च का ट्रैंड ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में जारी रहेगा.
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