निवेशकों को रिझाने के लिए म्यूचुअल फंड्स कंपनियां अपनी योजनाओं में नयापन ला रही हैं. इसके तहत निवेशकों के लिए नई स्ट्रैटजी बना रही हैं. स्मार्ट बीटा ETF इसी कड़ी की एक खास स्ट्रैटजी है. समान्य ई़टीएफ स्कीम पूरे बेंचमार्क इंडेक्स को ट्रैक करती है जबकि स्मार्ट बीटा ETF में फंड मैनेजर बेंचमार्क इंडेक्स को कुछ रूल्स या फैक्टर्स के आधार पर इंडेक्स के कुछ कंपोनेंट को चुनते हैं. स्मार्ट बीमा ETF इंडेक्स में शामिल स्टॉक्स में से चुनिंदा शेयरों को वैल्यू, डिविडेंड, मोमेंटम, क्वालिटी, लो वोलैटिलिटी, अल्फा, फंडामेंटल्स जैसे फैक्टर के हिसाब चुनते हैं. उदाहरण के लिए निफ्टी इंडेक्स में 50 शेयर हैं तो फंड मैनेजर इनमें से सिर्फ 10 शेयरों को किसी फैक्टर आधार पर चुनकर निवेश करेगा. अगर शेयरों का चुनाव अल्फा के आधार पर किया गया है तो उसे अल्फा ईटीएफ कहते हैं. अगर शेयरों का चुनाव क्वालिटी के आधार पर किया गया है तो वह वह क्वालिटी ETF कहलाएगा. स्मार्ट बीटा ETF साधारण फंड्स की तुलना में बेहतर रिटर्न दे सकता है क्योंकि यह सामान्य इंडेक्स की तरह बेंचमार्क में शामिल सभी शेयरों में निवेश नहीं करते बल्कि इंडेक्स में एल्फा और मोमेंटम जैसे फिल्टर्स लगाकर निवेश करते हैं. ईटीएफ में इसी प्रोसेस को स्मार्ट बीमा स्ट्रैटजी कहते हैं.