NHAI देशभर के 100 टोल प्लाजा पर GIS से ट्रैक करेगा ट्रैफिक, जाम का झंझट होगा खत्म
शुरुआत में इस सॉफ्टवेयर को 100 टोल प्लाजा पर लागू किया जा रहा है. टोल प्लाजाओं का चयन 1033 राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन पर मिले जाम संबंधी फीडबैक के आधार पर किया गया है.
भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI ने नेशनल हाईवे पर आपके सफर को आसान बनाने के नई पहल शुरू की है. अगर सब योजना के मुताबिक चला, तो टोल पर लगने वाली लंबी कतारें बीते वक्त की बात हो जाएंगी. आपके टोल पर पहुंचने से पहले ही आपको पता चल जाएगा कि टोल क्रॉस करने में कितना समय लग सकता है. किस लेन में ज्यादा गाड़ियां हैं. आप इन जानकारियों के हिसाब से अपनी रफ्तार और लेन तय कर सकते हैं.
NHAI ने अपनी कंपनी इंडियन हाईवेज मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को टोल प्लाजा पर जाम खत्म करने के लिए ट्रैफिक की रियल टाइम मॉनिटरिंग करने के लिए कहा है. इसके GIS आधारित सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. शुरुआत में इस सॉफ्टवेयर को 100 टोल प्लाजा पर लागू किया जा रहा है. टोल प्लाजाओं का चयन 1033 राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन पर मिले जाम संबंधी फीडबैक के आधार पर किया गया है. निगरानी सेवा को चरणबद्ध रूप से देशभर के तमाम टोल प्लाजाओं तक बढ़ाया जा सकता है.
टोल प्लाजा का नाम और जगह के साथ ही सॉफ्टवेयर के जरिये कतार की लंबाई की लाइव स्थिति, कुल प्रतीक्षा समय और टोल प्लाजा पर वाहन की गति से जुड़ी जानकारियां मिल पाएंगी. इससे भीड़ संबंधी चेतावनी और लेन मैनेजमेंट आसान हो जाएगा. कहीं अगर टोल अगर प्लाजा पर वाहनों की कतार निर्धारित सीमा से ज्यादा हो जाती है, तो उस रास्ते पर आ रहे वाहनों को इसके जरिये चेतावनी भी जारी की जा सकती है. एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि टोल प्लाजा पर लाइव ट्रैफिक मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग से पूरे देश में नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवाजाााही को सुगम बनाने में मदद मिलेगी.
सॉफ्टवेयर में एनएचएआई के सभी टोल प्लाजा और फील्ड कार्यालयों को एक मैप पर दर्शाया गया है. फिलहाल, यह सॉफ्टवेयर एनएचएआई के अधिकारियों को वाहनों की कतार और भीड़ के लिए प्रति घंटा, दैनिक, साप्ताहिक और मासिक आधार पर तुलनात्मक यातायात स्थिति के विश्लेषण में मदद करेगा. इसके अलावा मौसम की जानकारी, स्थानीय पर्व-त्योहारों की जानकारी भी दी जाएगी, ताकि रूट प्लान करने से पहले ट्रैफिक की स्थिति का आकलन करने में मदद मिले.
क्या है जीआईएस
जीआईएस यानी भौगोलिक सूचना प्रणाली कंप्यूटर प्रोग्राम, रिमोट सेंसिंग और कप्यूटर प्रोग्राम का ऐसा गठजोड़ है, जो किसी एक जग से जुटाई गई सूचनाओं का विश्लेषण और दृयात्मक प्रदर्शन कर सकती है. इसका इस्तेमाल आमतौर पर जटिल जानकारियों को आसानी से समझ में आने वाले इंटरेक्टिव मैप और चार्ट के रूप मे पेश करने के लिए किया जाता है.
Published: September 3, 2024, 11:56 IST
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