पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़ी सर्विसेज को बढ़ाने और एयर पॉल्यूशन को कम करने के उद्देश्य से दिल्ली एनसीआर के कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने बड़ा फैसला लिया है. सीएक्यूएम ने निर्देश दिया है कि प्राइवेट व्हीकल की पार्किंग फीस की समीक्षा कर बढ़ाने की जरूरत है.
सीएक्यूएम के मुताबिक उठाए जा रहे इस कदम से शहर में पार्किंग फीस को लेकर एकरूपता आएगी. दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि सीएक्यूएम के इस आदेश के बाद 1 नवंबर से पार्किंग फीस में बढ़ोतरी आ सकती है. इसका असर उन जगहों पर अधिक होगा जहां भीड़-भाड़ देखने को मिलती है.
बीते गुरुवार को सीएक्यूएम ने अपने 20 अगस्त को जारी आदेश में कहा, “दिल्ली एनसीआर में प्राइवेट व्हीकल के इस्तेमाल बढ़ रहे हैं जो कि उत्सर्जन का मुख्य कारण है. इसकी वजह से ट्रैफिक में लगने वाले जाम में भी बढ़ोतरी हो रही है. ये सारी बातें मेट्रो और ई-बस जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल की ओर इशारा करती हैं.” आयोग का कहना है कि वो दिल्ली सरकार से साफ-सुथरी पब्लिक ट्रांसपोर्ट और प्राइवेट व्हीकल के पार्किंग फीस को बढ़ाने के लिए हमेशा से कहती रही है. सीएक्यूएम ने आगे कहा, “दिल्ली में पार्किंग चार्ज को बढ़ाए काफी समय हो गया है. प्राइवेट व्हीकल के पार्किंग चार्ज को रिव्यू करने की आज जरूरत है.”
आयोग ने आगे कहा कि पिछले कई मीटिंग्स में दिल्ली एनसीआर में बढ़ रहे एयर पॉल्यूशन को लेकर बात की जा चुकी है. मीटिंग में प्राइवेट व्हीकल के पार्किंग फीस पर रिव्यू करने की जरूरत जताई गई थी. रिव्यू करने की बात होने के बावजूद किसी तरह का संशोधन नहीं किया गया. आयोग का कहना है कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन टीम (जीआरएपी) के स्टेज 2 पर पहुंचने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया. बता दें कि जीआरएपी शहरी क्षेत्रों में एयर पॉल्यूशन के प्रबंधन के लिए फ्रेमवर्क तैयार करती है. इसे सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्रों में लागू किया जाता है.