प्रॉपर्टी को आमतौर पर धीमे रिटर्न वाला निवेश माना जाता है. लेकिन, ANAROCK की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 5 साल के भीतर रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में 129 फीसदी का भारी भरकम उछाल आया है. ANAROCK रिसर्च ने पिछले 5 वर्षों में नई आपूर्ति के आधार पर शीर्ष 7 शहरों में कीमतों में हुए बदलावों का विश्लेषण किया है. पूरे शहर के हिसाब से बात करें, तो सबसे ज्यादा दाम हैदराबाद में बढ़े हैं. एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी कहते हैं, कोविड महामारी के बाद आवासीय संपत्तियों की कीमतों में तेज उछाल आया है. खाासतौर पर शीर्ष 7 शहरों में पिछले 5 वर्षों में सामूहिक रूप से 44% से ज्यादा कीमतें बढ़ी हैं. शहर के स्तर पर हैदराबाद में सबसे ज्यादा 64 फीसदी का उछाल आया है. इसके बाद बेंगलुरु में 57 फीसदी वृद्धि हुई। एनसीआर और एमएमआर दोनों में 48 फीसदी की वृद्धि हुई है. सबसे कम 25% की मूल्य वृद्धि कोलकाता में देखी गई। अनुज पुरी बताते हैं कि करीब 17,065 इकाइयों की नई आपूर्ति के साथ, बागलुरु में औसत आवासीय कीमतें 2019 में 4,300 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2024 की पहली छमाही में 8,151 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं हैं। 2019 से 94 फीसदी खरीदारी 40 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये की कीमत वाले मध्य और प्रीमियम खंड में हुई है. महज 6 फीसदी प्रॉपर्टी ही 1.5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाली खरीदी-बेची गई है. पुरी ने बताया कि बागलुरु के बाद हैदराबाद के कोकापेट दूसरे स्थान पर रहा है, यहां कीमतों में 89 फीसदी की वृद्धि हुई है. इसके अलावा बेंगलुरु का व्हाइटफील्ड तीसरे स्थान पर है, जहां कीमतों में 80 फीसदी तक उछाल आया है.
पुरी कहते हैं कि आम धारणा है कि बाजार में ज्यादा आपूर्ति होने पर कीमतें कम बढ़ती हैं, इस धारणा के विपरीत जिन शहरों में ज्यादा आपूर्ति रही, वहां कीमतें ज्यादा बढ़ी हैं. मिसाल के तौर पर एनसीआर में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पिछले पांच वर्ष में इस क्षेत्र में 5वीं सबसे अधिक आपूर्ति दर्ज की गई है. इसके साथ ही यहां कीमतों में भी 129 फीसदी का भारी इजाफा हुआ है.
एनसीआर में द्वारका एक्सप्रेसवे के आसपास की संपत्तियों में 79 फीसदी तक की मूल्य वृद्धि हुई है. यहां औसत कीमतें 2019 में 5,359 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2024 में 9,600 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं। न्यू गुरुग्राम 9वें स्थान पर है, जहां संपत्ति की कीमतें 48 फीसदी 9,000 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं, 2019 में यहां कीमत करीब 6,100 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। नीचें देखें पूरी सूची
स्थान | क्षेत्र/शहर | शीर्ष 10 माइक्रो मार्केट | 2019-2024 हुई वृद्धि |
1 | बेंगलुरु | बागलुरु | 90% |
2 | हैदराबाद | कोकापेट | 89% |
3 | बेंगलुरु | व्हाइटफील्ड | 80% |
4 | एनसीआर | द्वारका एक्सप्रेसवे | 79% |
5 | बेंगलुरु | सूरजपुर रोड | 58% |
6 | हैदराबाद | बाचुपल्ली | 57% |
7 | हैदराबाद | तेल्लापुर | 53% |
8 | एमएआर | पनवेल | 50% |
9 | एनसीआर | न्यू गुरुग्राम | 48% |
10 | एमएमआर | डोम्बिवली | 40% |
शीर्ष 7 शहरों में 5 साल में 16 लाख 32 हजार 650 घरों की आपूर्ति हुई है. इनमें सबसे ज्यादा 5,25,430 नए घरों की आपूर्ति मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में हुई है. एनसीआर में 32,740 घरों के साथ ग्रेटर फरीदाबाद शीर्ष पर है. यहां 56 फीसदी घर किफायती श्रेणी में, 24 फीसदी लग्जरी और शेष 20 फीसदी मध्य और प्रीमियम सेगमेंट के हैं. यहां 2019 में औसत दर 3,500 रुपये थी, जो अब बढ़कर 4,700 रुपये प्रति वर्ग हो गई है, इस तरह 34% का उछाल आया है. देखें पूरी सूची.
स्थान | क्षेत्र/शहर | नई आपूर्ति वाले हॉटस्पॉट | कुल नए घरों की संख्या |
1 | एमएमआर | डोम्बिवली | 44,990 |
2 | बेंगलुरु | सूरजपुर रोड | 36,150 |
3 | एमएमआर | पनवेल | 34,400 |
4 | एमएमआर | ठाणे वेस्ट | 34,020 |
5 | एनसीआर | ग्रेटर फरीदाबाद | 32,740 |
6 | पुणे | हिंजेवाड़ी | 25,140 |
7 | एनसीआर | न्यू गुरुग्राम | 21,125 |
8 | एनसीआर | द्वारका एक्सप्रेसवे | 20,250 |
9 | हैदराबाद | तेल्लापुर | 18,960 |
10 | बेंगलुरु | व्हाइटफील्ड | 18,600 |
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