अडानी ग्रुप ने हाल ही में फ्रांस की कंपनी टोटलएनर्जीज (TotalEnergies) के साथ हाथ मिलाया है. इस डील के तहत ये विदेशी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी में 444 मिलियन डॉलर (करीब 3727 करोड़ रुपए) निवेश करेगी. चूंकि भारत सरकार पहले से ही देश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है, ऐसे में अडानी समूह के इस डील से देश के एनर्जी सेक्टर को गति मिल सकती है.
अडानी ग्रीन एनर्जी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि बोर्ड ने ज्वाइंट वेंचर बनाने के लिए निवेश समझौतों को मंजूरी दे दी है. इसके तहत कंपनी में 1150 मेगावॉट का पोर्टफोलियो होगा. साथ ही ऑपरेशनल और निर्माणाधीन सौर परिसंपत्तियां भी शामिल होंगी. समझौते के तहत मर्चेंट-आधारित और बिजली खरीद से जुड़े प्रोजेक्ट पर भी काम किया जाएगा.
टोटलएनर्जीज के पास अडानी ग्रीन में करीब 19.75% हिस्सेदारी है. पिछले साल सितंबर में अडानी ग्रीन और टोटलएनर्जीज ने 1050 मेगावॉट के ग्रीन पोर्टफोलियो के लिए एक ज्वाइंट वेंचर तैयार करने पर तैयार हुई थी. इस डील के तहत टोटलएनर्जीज को 300 मिलियन डॉलर का निवेश करना था, जबकि नए सौदे के तहत अडानी ग्रीन एनर्जी और टोटलएनर्जीज नई ज्वाइंट कंपनी में से प्रत्येक का 50 फीसदी हिस्सा होगा.
अदानी ग्रीन एनर्जी और टोटलएनर्जीज के बीच हुई इस डील का मकसद उनके रिन्युअल एनर्जी क्षमताओं को बढ़ाना है. साथ ही ऐसे स्थायी ऊर्जा समाधान विकसित करना है जो वैश्विक वातावरण के अनुकूल हो. इससे ग्रीन एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा.
अडानी ग्रुप एनर्जी और पावर सेक्टर के अलावा फूड और एमएमसीजी बिजनस में भी अपना दबदबा कायम करना चाहता है. इसलिए समूह ने इस सेग्मेंट में एक अरब डॉलर यानी करीब 8,388 करोड़ रुपए का निवेश किया है. गुप की एफएमसीजी कंपनी अडानी विल्मर देश के दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्र में करीब तीन कंपनियों को खरीदने की तैयारी में है.