म्यूचुअल फंड सही है. यह बात अब निवेशकों को भी समझ आने लगी है. निवेश जोखिमों को ध्यान में रखते हुए निवेशकों ने म्यूचुअल फंड एसआईपी में रिकॉर्ड निवेश किया है. यह सुरक्षा के साथ मोटे मुनाफे की चाहत को दिखाता है. इस चाहत का नतीजा है कि एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में होने वाले निवेश की रकम लगातार दूसरे महीने 23,000 करोड़ रुपये पार हो गई है. इसके अलावा इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 3% बढ़ा है. इसके अलावा निवेशक बहुत ही समझदारी के साथ जोखिम का प्रबंधन भी कर रहे हैं. इसके चलते हाइब्रिड फंड में निवेश 43% कम हुआ है. म्यूचुअल फंड मैनेजरों के अधीन संपत्ति (एयूएम) बढ़कर 66.43 लाख करोड़ रुपये हो गई है. यह अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर है.
अगस्त में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 3% बढ़कर 38,239 करोड़ रुपये हो गया है. जुलाई में यह 37,113 करोड़ रुपये था. वहीं, सेक्टोरल व थीमैटिक फंड में निवेश 1% घटकर 18,117 करोड़ रुपये रह गया है. मोटे तौर पर ईएलएसएस और फोकस्ड फंड को छोड़कर सभी श्रेणियों में अगस्त में निवेश जारी रहा है. ईएलएसएस फंड और फोकस्ड फंड में लगातार पांचवें महीने निकासी देखने को मिली है. इसके अलावा अगस्त में डेट म्यूचुअल फंड में 45,169 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. इस तरह जुलाई में 1.19 लाख करोड़ रुपये के निवेश के मुकाबले 62% की कमी आई है.
लिक्विड फंड में अगस्त में 15,105 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि जुलाई में 4,451 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था. वहीं, हाइब्रिड फंड श्रेणियों में कुल निवेश 43% कम होकर अगस्त में 10,005 करोड़ रुपये रहा, जबकि जुलाई में 17,436 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था. कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड को छोड़कर सभी हाइब्रिड श्रेणियों में अगस्त में निवेश हुआ है. इंडेक्स फंड और ईटीएफ सहित अन्य श्रेणी में शुद्ध निवेश में 1% की गिरावट आई. जुलाई में यह 14,777 करोड़ रुपये के मुकाबले अगस्त में 14,599 करोड़ रुपये रहा.
आईटीआई म्यूचुअल फंड के एक्टिंग सीईओ हितेश ठक्कर कहते हैं कि भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग के लिए यह बड़ी उपलब्धि है. 66.70 लाख करोड़ रुपये का सर्वकालिक उच्चस्तरीय एयूएम देश की तीव्र आर्थिक प्रगति को दर्शाता है. ठक्कर कहते हैं कि भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग को 10 लाख करोड़ रुपये का एयूएम (1963-2013) बनाने में 50 साल लगे. इसके बाद 6 साल बाद 2019 में उद्योग 23 लाख करोड़ रुपये के एयूएम के निशान तक पहुंचा. अब अगस्त 2024 में यह 66.70 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है.
मोतीलाल ओसवाल एएमसी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य व्यवसाय अधिकारी अखिल चतुर्वेदी कहते हैं कि नए निवेशक सरकारी सुधारों से लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी वजह से एसआईपी हर महीने लगभग 1% बढ़ रहा है. यह उद्योग के दीर्घकालिक विकास और निवेशकों के लिए अनुशासित तरीके से अपने इक्विटी आवंटन को बढ़ाने के लिए बहुत सकारात्मक संकेत है. दिलचस्प बात यह है कि निवेशक मिड और स्मॉल कैप स्पेस में तेजी को देखते हुए लार्ज कैप, मल्टीकैप और फ्लेक्सी कैप फंड के पक्ष में अपने एसेट एलोकेशन को संतुलित कर रहे हैं. जोखिम प्रबंधन के लिहाज से देखें, तो यह दृष्टिकोण अच्छा नजर आता है.
पीएल कैपिटल के निवेश सेवा प्रमुख पंकज श्रेष्ठ कहते हैं इक्विटी फ्लो में उल्लेखनीय मजबूती आई है. यह पिछले 4 महीनों में लगातार 34,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा है. थीमैटिक और सेक्टोरल फंड में सबसे ज्यादा फ्लो देखा गया है, जो खासतौर पर न्यू फंड ऑफरिंग (एनएफओ) के चलते आ रहा है. यह पॉजिटिव इक्विटी फ्लो लगातार 42 महीने से जारी है. इस महीने लार्ज-कैप फंड ने भी खासा निवेश आकर्षित किया है, साथ ही मिड-कैप और स्मॉल-कैप श्रेणियों में मजबूत अच्छा फ्लो बना हुआ है, जो बाजार में निवेशकों के व्यापक रूप से मजबूत विश्वास को दर्शाता है.
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