प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर अमित शाह ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया, जहां पर उन्होंने सरकार द्वारा किए गए काम का ब्योरा दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में कई किसान हितैषी नीतियां लागू की हैं, जिनका ध्यान कृषि उत्पादकता और निर्यात में सुधार पर है. शाह ने आगे कहा कि सरकार ने अपने पहले 100 दिनों में 14 क्षेत्रों में 15 लाख करोड़ रुपये की नीतियां लागू की हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत 9.5 करोड़ किसानों को 20,000 करोड़ रुपये वितरित करने सहित कृषि क्षेत्र में प्रमुख उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला.
शाह ने कहा कि पीएम-किसान के तहत 70वीं किस्त वितरित की है. अब तक 12.33 करोड़ किसानों को 3 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं. पीएम-किसान योजना के तहत 6,000 रुपये का वार्षिक लाभ दिया जाता है, जो सीधे लाभ को डीबीटी के जरिए पात्र किसानों के बैंक खातों में सीधे हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में वितरित किया जाता है. मंत्री ने कहा कि कृषि नीतियों को किसानों के कल्याण और समृद्धि को ध्यान में रखते हुए लागू किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, “इससे देश के खाद्यान्न उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, जिससे किसानों की दुर्दशा में सुधार होगा.” किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए शाह ने कहा, “यूपीए शासन की तुलना में मोदी सरकार ने एमएसपी पर अधिक फसलों की खरीद की है. यह दर्शाता है कि एनडीए सरकार किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि 2024-25 खरीफ (ग्रीष्म) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की गई है.
इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, मंत्री ने कहा कि चीनी मिलों को मल्टी-फीड डिस्टिलरी में परिवर्तित किया जा रहा है. उन्होंने बताया, “अब मिलें न केवल गन्ने के रस से, बल्कि मक्के से भी इथेनॉल बना सकती हैं. जब देश में चीनी बनाने के लिए गन्ने के रस की आवश्यकता होगी, तब मक्के से इथेनॉल बनाया जाएगा. जब चीनी का उत्पादन अधिक होगा, तब चीनी के रस से एथेनॉल बनाया जाएगा.” निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मंत्री ने कहा कि प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को समाप्त कर दिया गया है.