क्या आपका बॉस आपको वीकेंड पर मैसेज भेजता है? और क्या आपके घर जाने के काफी समय बाद भी उसका ईमेल आता रहता है? इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने नया कानून बनाया है. ऑस्ट्रेलिया ने कर्मचारियों की निजी जिंदगी में काम से जुड़े ईमेल और कॉल को रोकने के लिए नया नियम ‘राइट टू डिस्कनेक्ट’ बनाया है. अब काम के बाद बॉस के ईमेल और कॉल से निजात मिलेगी.
सोमवार को लागू हुए नए नियम का मतलब है कि अब कर्मचारियों को शिफ्ट के बाद अपने बॉस का ईमेल पढ़ने और उसका जवाब देने से इनकार करने पर दंडित नहीं किया जा सकेगा. अब ऐसा नहीं होगा कि जवाब नहीं दिया तो बॉस पैसे काट लेंगे या ऑफिस में आकर चिल्लाएंगे.
इस कानून के समर्थकों का मानना है कि ऑफिस के मेल, मैसेज और कॉल के जरिए निजी जिंदगी में हो रहे हस्तक्षेप के खिलाफ खड़े होने का आत्मविश्वास मिलेगा, जो कोविड-19 के बाद तेजी से बढ़ा है, जिससे घर और कार्य के बीच का अंतर बिगड़ गया है.
कई कर्मचारियों का कहना है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी से पहले कोई परेशानी नहीं थी, लोग शिफ्ट समाप्त होने पर घर चले जाते थे और अगले दिन लौटने तक उनसे कोई संपर्क नहीं होता था. अब पूरी दुनिया में काम के घंटों के अलावा ईमेल, एसएमएस, फोन कॉल करना आम बात हो गई है, यहाँ तक कि यह चलन छुट्टियों के दौरान भी बढ़ रहा है.
इन हालातों का जायजा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया इंस्टीट्यूट ने एक सर्वे किया. इस सर्वे के मुताबिक, 2023 में ऑस्ट्रेलिया के लोग औसतन 281 घंटे बिना किसी भुगतान के ओवरटाइम काम करते रहे, जिसका मूल्य 88 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंका गया. अब इस नए बदलाव के साथ ऑस्ट्रेलिया भी लगभग उन दो दर्जन देशों में शामिल हो गया है, जिनके कर्मचारियों के पास यह समान अधिकार हैं. हालाँकि, आपातकालीन स्थितियों और अनियमित घंटों वाली नौकरियों में नियम अभी भी मालिक और कर्मचारियों से संपर्क करने की अनुमति देता है.
एम्प्लायर समूह ऑस्ट्रेलियन इंडस्ट्री ग्रुप का कहना है कि नियम कैसे लागू होगा, यह कर्मचारियों और बॉस के बीच में एक भ्रम है. उनका कहना है कि इससे नौकरियाँ कम लचीली हो जाएँगी और अर्थव्यवस्था धीमी हो जाएगी. ऑस्ट्रेलियाई ट्रेड यूनियन परिषद का कहना है कि कानून में शामिल चेतावनी का मतलब है कि यह उचित जगहों पर हस्तक्षेप नहीं करेगा. उन्होंने एक कर्मचारी का उदाहरण भी दिया और बताया कि एक कर्मचारी ने आधी रात को अपनी शिफ्ट समाप्त की, लेकिन उसे चार घंटे बाद मैसेज मिला और सुबह 6 बजे तक काम पर आने को कहा गया. अब संपर्क करना बहुत आसान हो गया है, जिससे कॉमन सेंस की जरूरत नहीं रह गई है. हमारा मानना है कि इससे बॉस को रुककर सोचना चाहिए कि क्या उन्हें सचमुच वह टेक्स्ट और ईमेल भेजने की जरूरत थी.
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