बांग्लादेश ने सोमवार को जानकारी दी कि उसने अडानी ग्रुप से बिजली खरीद को आधा कर दिया है. बांग्लादेश के एक अधिकारी ने इस बारे में बताया कि ठंड के कारण देश में बिजली की मांग में कमी आई है. इसी वजह से फैसला लिया गया. अडानी ग्रुप से संबंधित करोड़ों डॉलर के बकाए को लेकर चल रही असहमति के बीच, बांग्लादेश सरकार का यह फैसले को जानकार संदेह की नजर से देख रहे है.
हालांकि, बांग्लादेश ने यह साफ किया कि इस फैसले का बकाया विवाद से कोई लेना-देना नहीं है. सरकार अडानी ग्रुप की बकाया राशि का भुगतान करती रहेगी. अक्टूबर में अडानी ग्रुप द्वारा भुगतान में देरी के कारण बांग्लादेश की बिजली सप्लाई को आधा कर दिया गया था. बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से नई सरकार और अडानी ग्रुप के बीच बिजली के भुगतान को लेकर विवाद चल रहा है.
कटौती से नाराजगी
इस मामले में जानकारी देते हुए बांग्लादेश की सरकारी पावर कंपनी के अध्यक्ष मोहम्मद रेजाउल करीम ने कहा, “जब अडानी ग्रुप ने हमारी बिजली सप्लाई में कटौती की, तो हम हैरान और गुस्से में थे. इसलिए जब सर्दियों में मांग कम हो गई है, तो हमने उन्हें सूचित किया कि अब बिजली की आपूर्ति को आधा कर दिया जाए.
क्या कहा अडानी ग्रुप ने
इस मामले में अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने बताया कि ग्रुप बांग्लादेश को बिजली की सप्लाई जारी रखे हुए है, लेकिन वे बढ़ते बकाए को लेकर चिंतित हैं. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जब बांग्लादेश से सामान्य सप्लाई शुरू होने के बारे में पूछा गया, तो उन्हें कोई निश्चित जवाब नहीं मिला.
झारखंड से बिजली आपूर्ति
अडानी ग्रुप बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति झारखंड के अपने प्लांट से करता है. यहां ग्रुप के दो प्लांट हैं, और प्रत्येक की क्षमता 800 मेगावाट है. साल 2017 में अडानी ग्रुप और बांग्लादेश सरकार के बीच हुए एक एग्रीमेंट के बाद से ही ग्रुप इसकी सप्लाई कर रहा है.
रायर्टस के एक रिर्पोट के मुताबिक, अडानी पावर अपने आपूर्तिकर्ताओं में सबसे अधिक दर वसूलता है. 30 जून 2024 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान इसकी प्रति यूनिट लागत 14.87 टका थी, जबकि सभी भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के लिए औसत 9.57 टका थी.
Published: December 2, 2024, 19:31 IST
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