इस बार के बजट 2025 में किसको क्या मिलेगा… मिडिल क्लास से लेकर किसान, कॉरपोरेट और रियल स्टेट समेत हर वर्ग की नजर बस इसी पर टिकी है. देश की संसद में आज से बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. संसद के पटल पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वे पेश करेंगी. लेकिन संसद सत्र के आगाज से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट को लेकर बड़े संकेत दिए हैं. संसद के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने लोकतंत्र, विकसित भारत, देश के गरीब और मध्यम वर्ग के लिए अपने विजन पर बात की. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि सरकार अपने बजट के पिटारे से इस बार मिडिल क्लास और गरीब तबके को बड़ा तोहफा दे सकती है.
पीएम मोदी ने दिए ये संकेत
पीएम मोदी ने कहा कि बजट सत्र से पहले मैं धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी को नमन करता हूं. मैं प्रार्थना करता हूं कि देवी लक्ष्मी हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग को आशीर्वाद देती रहें. यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में 75 साल पूरे किए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने खुद को वैश्विक स्तर पर अच्छी तरह से स्थापित किया है. यह मेरे तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है. मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 2047 में जब भारत आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तो भारत विकसित भारत के अपने लक्ष्य को पूरा करेगा और यह बजट देश को नई ऊर्जा और उम्मीद देगा.
टैक्स राहत की आस
देश का मीडिल क्लास, जो इनकम टैक्स के जरिए सरकारी खजाने को भरने में बड़ी भूमिका निभाता है, वो इस बार टैक्स में छूट की उम्मीद कर रहा है. क्योंकि बढ़ती महंगाई ने मिडिल क्लास के घरेलू बजट को बिगाड़ दिया है और इसके नतीजे देश की अर्थव्यवस्था को भी झेलने पड़ रहे हैं.
देश की आर्थिक विकास की दर सुस्त हो गई है. इसलिए कई आर्थिक जानकारों का भी कहना है कि सरकार को टैक्स में राहत देनी चाहिए, जिससे देश के एक बड़े वर्ग के हाथ में पैसा बचेगा और उसे वो खर्च करेंगे, तो इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी.
टैक्स रिजीम में बदलाव की उम्मीद
टैक्स रिजीम में बदलावसैलरीड प्रोफेशनल अनूप भट्ट का मानना है कि सरकार को नए टैक्स रिजीम में बदलाव करते हुए टैक्स स्लैब को बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मौजूदा 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है, लेकिन इसे बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया जाना चाहिए. इससे मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की चालू कीमतों पर जीडीपी वृद्धि (रियल जीडीपी और महंगाई मिलाकर) 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि रियल जीडीपी वृद्धि 6.4 प्रतिशत रह सकती है.
बीमा का विस्तार
एग्रीकल्चर उन सेक्टर में से एक है, जिसको लेकर बजट में होने वाली घोषणाओं पर सभी की नजरें टिकी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए 1.52 ट्रिलियन रुपये से अधिक आवंटित किए गए थे, जो आगामी बजट में 1.75 ट्रिलियन रुपये (20.2 बिलियन डॉलर) होने की संभावना है. इस बजट में सब्सिडी वाले कृषि लोन की लिमिट को 300,000 रुपये से बढ़ाकर 500,000 रुपये करने तथा फसल बीमा का विस्तार करने की भी उम्मीद है.
Published: January 31, 2025, 13:39 IST
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