चीन का AI मॉडल Deepseek के आने के बाद से AI चर्चा का विषय बन गया है. कई प्राइवेट संस्थान अब AI का इस्तेमाल करने लगे हैं लेकिन क्या सरकार भी इसका इस्तेमाल कर रही है या करना चाहती है? जवाब है हां. अब केंद्र और राज्य स्तर के कई सरकारी विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपनाने की योजना बना रहे हैं, ताकि सरकारी कामकाज को सरल, जनता की जरूरतों के हिसाब से और शिकायतों के निपटारे को बेहतर तरीके से सुलझाने के साथ ही वेलफेयर स्कीम तक आम आदमी की पहुंच बनाना है.
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र और राज्य सरकारों ने 13 से अधिक AI प्रोजेक्ट्स प्रस्तावित किए हैं और इन प्रोजेक्ट्स को लागू करने के लिए टेक्नोलॉजी पार्टनर्स की तलाश भी की जा रही है. AI का इस्तेमाल मुख्य रूप से बातचीत के लिए चैटबॉट्स, वीडियो एनालिटिक्स और डेटा एनालिटिक्स के लिए किया जाएगा. इन प्रोजेक्ट्स का बजट 1 करोड़ से 10 करोड़ रुपये के बीच है.
रिपोर्ट के मुताबिक:
इसके अलावा केंद्र सरकार का Bhashini प्रोजेक्ट भारत की 50 आधिकारिक वेबसाइटों को क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी देने में मदद कर रहा है.
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