भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने एंड्रॉयड ओएस यूजर्स को चेतावनी दी है. सीईआरटी ने ऑपरेटिंग सिस्टम में कई खामियों का खुलासा करते हुए कहा कि यूजर्स के कई संवेदनशील डाटा लीक होने का खतरा है. यूजर्स कुछ बुनियादी गलतियां करते हैं, जिन गलतियों से हैकर संवेदनशील जानकारियों को हासिल कर, उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं. इससे बचने के लिए सीईआरटी ने एंड्रॉयड डिवाइसों को लगातार अपडेट करते रहने की सलाह दी है.
दुनिया भर में एंड्रॉयड यूजर्स की भरमार है. यह सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है. कम कीमत के साथ अच्छे फीचर होने की वजह से लोग एंड्रॉयड फोन को पसंद करते हैं. गूगल के स्वामित्व वाले इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर यूजर भरोसा भी करते हैं. इस एंड्रॉयड ओएस में टेक कंपनी सैमसंग, गूगल के पिक्सल फोन, वन प्लस और वीवो जैसी कंपनियां शामिल हैं, जिनके लाखों यूजर्स हैं. दरअसल, स्मार्टफोन पर बढ़ती निर्भरता के साथ यूजर्स अक्सर निश्चिंत होकर अपनी लोकेशन, बैंकिंग विवरण कहीं भी शेयर कर देते हैं. बिना इस बारे में सोचे कि इसका गलत इस्तेमाल कर कोई हमें नुकसान पहुंचा सकता है.
देश भर में लगातार बैंकिंग फ्रॉड, पैसों के लेन-देन में धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहते हैं. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने एंड्रॉयड यूजर्स को चेतावनी दी है और कहा है कि अपनी डिवाइस को लगातार अपडेट करते रहने की जरूरत है. हालांकि, गूगल भी अपने यूजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए अपडेट जारी करती है.
चेतावनी के साथ-साथ सीईआरटी ने इससे बचने का तरीका भी बताया है, जिसमें कहा गया है कि अगर आप एंड्रॉयड यूजर हैं तो सिक्योरिटी अपडेट आते ही उसे इंस्टॉल कर अपडेट कर लें. सीईआरटी ने कहा कि इन अपडेट्स को सुरक्षा की खामियों को दूर करने और साइबर अटैक के खिलाफ डिवाइस की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ही बनाया गया है. साथ ही यह भी अपील की गई है कि संदिग्ध दिखने वाले लिंक पर क्लिक करने से बचें.