भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच इनदिनों काफी चर्चाओं में हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जहां उनकी ओर से सभी जानकारियों को साझा न करने का आरोप लगा है, तो वहीं अब उनकी ईमानदारी को लेकर देश में भी सवाल उठाने लगे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को सेबी चीफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. खेड़ा का कहना है कि बुच, सेबी की सदस्य रहते हुए भी आईसीआईसीआई बैंक से वेतन लेती रहीं, जो उनके अनुसार सार्वजनिक सेवा में नैतिकता और जवाबदेही का गंभीर उल्लंघन है.
खेड़ा ने सेबी के वजूद पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बाजार नियामक को निष्पक्षता और स्वतंत्रता बनाए रखनी चाहिए. उन्होंने सेबी पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि जब सेबी के प्रमुख को आईसीआईसीआई बैंक जैसी निजी संस्था से वेतन मिल रहा है, तो कोई निष्पक्ष रेगुलेशन की कैसे उम्मीद कर सकता है. उन्होंने नियामक संस्था में पारदर्शिता कायम करने पर जोर दिया.
सरकार को निशाने पर लिया
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने यह सभी आरोप एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए. उन्होंने इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी हमला बोला. खेड़ा ने कहा कि सेबी की भूमिका शेयर बाजार को रेगुलेट करना है, जहां हम सभी अपना पैसा लगाते हैं. इसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसे में सेबी के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है यह एक अहम बात है. माधबी पुरी बुच की नियुक्ति सरकार के अधीन हुई. ऐसे में उन्हें कैसे नहीं पता कि बुच 2014 से 2017 के बीच आईसीआईसीआई बैंक से 16 करोड़ 80 लाख रुपए की नियमित सैलरी ले रही थीं. कांग्रेस नेता ने नियामक की भूमिकाओं में हितों के टकराव को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपायों की मांग की है.