राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने की कीमत 700 रुपये बढ़कर 79,700 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. सोमवार को यह कीमती धातु 79,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी. वहीं, मंगलवार को चांदी 1,300 रुपये की तेज बढ़त के साथ तीन सप्ताह के उच्चतम स्तर 92,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई. पिछले सत्र में यह 90,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत सोमवार को 700 रुपये बढ़कर 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि पिछले सत्र में यह 78,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी.
पीटीआई के मुताबिक, व्यापारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में मजबूत रुख तथा घरेलू मांग में वृद्धि के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई, जिससे सर्राफा कीमतों को मदद मिली. मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 पैसे गिरकर 85.73 (अनंतिम) पर बंद हुआ, क्योंकि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और विदेशी फंडों के बाहर जाने से स्थानीय इकाई पर दबाव बना रहा.
एमसीएक्स पर वायदा कारोबार में फरवरी डिलीवरी के लिए सोने के अनुबंध 122 रुपये या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 77,280 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर वायदा कारोबार में मार्च डिलीवरी के लिए चांदी के अनुबंध भी 551 रुपये या 0.61 प्रतिशत बढ़कर 91,105 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोना वायदा 0.28 प्रतिशत बढ़कर 2,654.90 डॉलर प्रति औंस हो गया.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा कि मिश्रित संकेतों के बीच सोना 2,635 डॉलर के स्तर पर मंडरा रहा है. एशियाई कारोबारी घंटों में कॉमेक्स सिल्वर वायदा 0.73 प्रतिशत बढ़कर 30.81 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था. अबान होल्डिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा कि बाजार प्रतिभागी मंगलवार को जारी होने वाले यूएस आईएसएम सर्विसेज पीएमआई और जोल्ट्स जॉब ओपनिंग डेटा, गैर-कृषि रोजगार परिवर्तन और बेरोजगारी दावों की रिपोर्ट पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं.
मेहता ने कहा कि निवेशक इस सप्ताह के अंत में होने वाले फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) के सदस्यों के भाषणों पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे, जो फेडरल रिजर्व के अगले नीतिगत कदम का आकलन करेंगे. ऑगमोंट में शोध प्रमुख रेनिशा चैनानी के अनुसार, यह सप्ताह सोने के व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर बारीकी से नज़र रखेंगे. व्यापारियों का ध्यान इस बात पर केंद्रित होने की उम्मीद है कि एनएफपी डेटा पिछले सप्ताह की मुद्रास्फीति संख्याओं की तुलना में कैसा है. यदि अमेरिकी नौकरियों की रिपोर्ट पूर्वानुमानों के अनुरूप या उससे कम है, तो यह फेडरल रिजर्व के इस दृष्टिकोण की पुष्टि कर सकता है कि ब्याज दर-कटौती चक्र में विराम आने वाला है.
चैनानी ने कहा कि सोने की कीमत एक नरम मौद्रिक नीति पर बहुत अधिक निर्भर है. यदि फेड कम आक्रामक तरीके से दरों में कटौती करता है, तो यह सोने की कीमतों और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
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