बढ़ते प्याज के दामों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने प्याज के दामों को नियंत्रित करने के लिए भंडार से प्याज बेचने का निर्णय लिया है. रॉयटर्स ने उपभोक्ता मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से इस बारे में जानकारी दी है. अधिकारी ने कहा कि बढ़ती प्याज की कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है.
दरअसल, सरकार ने सरकार ने महंगाई पर कंट्रोल करने के मकसद से इस महीने की शुरुआत में ही प्याज के निर्यात पर न्यूनतम मूल्य हटा दिया था. प्याज को बेचने के लिए किसी भी तरीके की मूल्य सीमा को हटाने से किसान नाराज थे. प्याज के निर्यात को लेकर सरकार की ओर से लिए इस फैसले के खिलाफ प्याज की खेती करने वाले किसानों में काफी गुस्सा था. किसानों का गुस्सा और न बढ़ जाए साथ ही प्याज के दाम आसमान न छूने लगें. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अपने भंडार से प्याज बेचने का निर्णय लिया है.
सरकार ने हटाया था न्यूनतम निर्यात मूल्य
सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए के प्याज के निर्यात से न्यूनतम मूल्य हटा दिया था. विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी DGFT ने ये फैसला लिया था. डीजीएफटी की ओर से कहा गया था कि प्याज की निर्यात नीति में बदलाव किया जा रहा है. इसमें प्याज पर 550 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य को हटाया जा रहा है. इससे पहले सरकार ने पिछली साल 31 दिसंबर को प्याज पर 40 फीसदी का निर्यात शुल्क लगाया था.
प्याज के प्रोडक्शन में गिरावट
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक भारी बारिश होने के कारण प्याज के उत्पादन में गिरावट आ सकती है. इससे प्याज का उत्पादन 19.76 फीसदी से घटकर करीब 240 लाख टन हो सकता है. इसके अलावा अन्य सब्जियों जैसे बैंगन, शिमला मिर्च और आलू के उत्पादन में कमी आ सकती है.
Published: September 23, 2024, 18:56 IST
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