शेयर मार्केट के तेज उतार-चढ़ाव के बीच निवेशक म्यूचुअल फंड के हाइब्रिड फंड में निवेश कर रहे हैं. नवंबर में इस स्कीम में 4,129 करोड़ रुपये का निवेश आया है. इस स्कीम का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) यानी निवेशकों के निवेश का मूल्य एक साल में 45 फीसदी बढ़ा है.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के मुताबिक, हाइब्रिड फंड का एयूएम एक साल में 6.02 लाख करोड़ से बढ़कर 8.77 लाख करोड़ रुपये हो गया है. म्यूचुअल फंडों में हाइब्रिड फंड सबसे तेजी से बढ़ने वाली श्रेणी है क्योंकि निवेशक उतार-चढ़ाव भरी बाजार स्थितियों में सुरक्षा चाह रहे हैं. हाइब्रिड फंड पसंदीदा बन रहे हैं क्योंकि वे इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं. इस फंड में निवेशकों के लिए जोखिम कम होता है और रिटर्न बेहतर मिलता है.
हाइब्रिड फंड में इस साल अक्टूबर में 23 लाख नए खाते खुले हैं. निवेशकों की दिलचस्पी को देखते हुए म्यूचुअल फंड हाइब्रिड फंडों पर फोकस कर रहे हैं. ज्यादातर फंड हाउस हाइब्रिड में डेट और इक्विटी दे रहे हैं. निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट फंड सबसे अलग है. यह फंड इक्विटी, डेट और कमोडिटी में एक निश्चित निवेश का पालन करता है. यह अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में भी निवेश करता है. निप्पॉन इंडिया इक्विटी हाइब्रिड फंड ने एक साल में 23.02 व निप्पॉन बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने 19.39 फीसदी रिटर्न दिया. इसके बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने 19.39 फीसदी का फायदा दिया है.
इसी तरह से एक साल में एचडीएफसी मल्टी एसेट फंड ने 18.9 फीसदी, कोटक मल्टी एसेट ने 23.5 फीसदी और निप्पॉन मल्टी एसेट ने 25.93 फीसदी का रिटर्न दिया है. अस्थिर बाज़ारों में, हाइब्रिड फंड पैसे की सुरक्षा और विकास प्रदान करते हैं, जो एक निवेशक की दो महत्वपूर्ण जरूरतें हैं.