भारतीय कर्मचारी इस साल विभिन्न उद्योगों में औसतन 9.4 प्रतिशत वेतन वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं। यह मजबूत आर्थिक वृद्धि और कुशल प्रतिभाओं की बढ़ती मांग का संकेत है।
मानव संसाधन परामर्श कंपनी मर्सर के कुल पारिश्रमिक सर्वेक्षण (टीआरएस) के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में कर्मचारियों के वेतन में लगातार वृद्धि हुई है। वेतन वृद्धि 2020 के आठ प्रतिशत से 2025 में बढ़कर 9.4 प्रतिशत होने का अनुमान है।
सर्वेक्षण में भारत की प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता वस्तुओं, वित्तीय सेवाओं, विनिर्माण, मोटर वाहन, इंजीनियरिंग आदि क्षेत्र की 1,550 से अधिक कंपनियों ने हिस्सा लिया।
मोटर वाहन क्षेत्र में कर्मचारियों का वेतन 10 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। पिछले साल यह 8.8 प्रतिशत रहा था। यह इलेक्ट्रिक वाहनों में वृद्धि तथा सरकार के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के कारण संभव हो पाया है।
विनिर्माण व इंजीनियरिंग क्षेत्र में वेतन वृद्धि आठ से बढ़कर 9.7 प्रतिशत होने का अनुमान है, जो विनिर्माण परिवेश में पुनरुत्थान को दर्शाता है।
मर्सर की ‘इंडिया करियर लीडर’ मानसी सिंघल ने कहा, ‘‘ भारत के प्रतिभा परिदृश्य में उल्लेखनीय बदलाव हो रहा है। वेतन में उछाल भी कार्यबल को नया आकार दे रहे हैं। इसके अलावा 75 प्रतिशत से अधिक संगठनों द्वारा प्रदर्शन-आधारित वेतन योजनाओं को अपनाने, अल्पावधि व दीर्घावधि दोनों में प्रदर्शन को महत्व देना समग्र बदलाव को दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जो कंपनियां इन प्रवृत्तियों को प्राथमिकता देंगी, वे प्रतिस्पर्धी बाजार में प्रतिभाओं को आकर्षित करने तथा उन्हें बनाए रखने के लिए बेहतर स्थिति में होंगी। ’’
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