केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के 11,72,240 रेलवे कर्मचारियों को 2,028.57 करोड़ रुपये की कुल लागत से प्रोडक्टिविटी से जुड़े बोनस (PLB) देने का ऐलान किया है. बोनस का उद्देश्य कर्मचारियों को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मान्यता देना और प्रेरित करना है. सरकार के बयान के अनुसार, 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी राशि रेलवे कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप एक्ससी कर्मचारियों को दी जाएगी.
पीएलबी का भुगतान रेलवे के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में काम करने के लिए रेलवे कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में कार्य करता है. पात्र रेलवे कर्मचारी को अधिकतम 78 दिनों के लिए 17,951 रुपये की राशि दी जाएगी. वर्ष 2023-2024 में रेलवे का प्रदर्शन शानदार रहा है. रेलवे ने 1588 मिलियन टन का रिकॉर्ड माल लोड किया और लगभग 6.7 अरब यात्रियों को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाया है.
पिछले साल भी रेलवे ने सभी नॉन-गैजेडेट कर्मचारियों के लिए 78 दिन का बोनस देने की घोषणा की थी. छठे वेतन आयोग के अनुसार, ग्रुप डी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम बेसिक इनकम 7,000 रुपये है, जो 78 दिन के लिए लगभग 18,000 रुपये है. 2022 में केंद्र ने 11 लाख से अधिक रेलवे कर्मचारियों को प्रति कर्मचारी 17,951 रुपये का 78-दिवसीय दिवाली बोनस दिया था, जिसकी कुल राशि 1,832 करोड़ रुपये थी.
कैबिनेट ने संशोधित प्रोडक्टिविटी-लिंक्ड रिवॉर्ड (PLR) योजना को भी मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य 2020-21 से 2025-26 की अवधि के लिए प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों और डॉक श्रम बोर्डों के लगभग 20,704 कर्मचारियों को लाभ पहुंचाना है. 200 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय खर्च के साथ, इस योजना का उद्देश्य उत्पादकता को बढ़ावा देना और बंदरगाह और डॉक श्रमिकों के प्रयासों को मान्यता देना है.
उत्पादकता-लिंक्ड रिवॉर्ड (पीएलआर) प्रमुख बंदरगाह ट्रस्टों और डॉक श्रम बोर्ड के कर्मचारियों/श्रमिकों के लिए एक मौजूदा योजना है, जिसमें प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों के प्रबंधन और श्रम संघों के बीच हुए समझौते के आधार पर कर्मचारियों/श्रमिकों को वार्षिक आधार पर वित्तीय पुरस्कार दिया जाता है.