ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में दोनों देशों के बीच हुई पहली सीधी वार्ता में इस मुद्दे पर 19 अप्रैल को और चर्चा करने पर सहमति बनी है. ईरान के सरकारी टेलीविजन ने शनिवार को यह जानकारी दी.टेलीविजन चैनल ने बताया कि यह सहमति शनिवार को पहले चरण की बातचीत की समाप्ति पर बनी.अमेरिकी अधिकारियों ने ईरान की ओर से आ रही खबरों की तत्काल पुष्टि नहीं की है.
ईरान के सरकारी टेलीविजन की खबर के मुताबिक, वार्ता के अंत में पश्चिम एशिया के लिए अमेरिका के दूत स्टीव विटकॉफ और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के बीच ‘संक्षिप्त’ बातचीत हुई. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के नेतृत्व वाले प्रशासन के बाद दोनों देशों के बीच पहली बार सीधी बात हुई है. ईरान ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर ट्रंप की संभावित ‘पोस्ट’ से पहले ही अपनी सार्वजनिक घोषणा कर दी. अराघची ने घोषणा की कि अगले दौर की बातचीत अगले शनिवार को यानी 19 अप्रैल को होगी.
खबरों के मुताबिक, दोनों पक्षों ने ओमान के बाहरी इलाके में एक स्थान पर दो घंटे से अधिक समय तक बातचीत की, जो स्थानीय समयानुसार, शाम 5:50 बजे समाप्त हुई। वार्ता स्थानीय समयानुसार, अपराह्न 3:30 बजे शुरू हुई थी. माना जा रहा है कि विटकॉफ को ले जा रहा काफिला मस्कट लौट आया और फिर अमेरिकी दूतावास वाले इलाके के आसपास यातायात में ओझल हो गया.दोनों देशों के बीच करीब 50 साल से जारी दुश्मनी के बीच बातचीत का महत्व और भी बढ़ गया है. ट्रंप ने बार-बार धमकी दी है कि अगर समझौता नहीं हुआ तो वे ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले करेंगे.
ईरानी अधिकारी लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि वे अपने यूरेनियम को हथियारों में इस्तेमाल करने के स्तर तक संवर्धित कर परमाणु हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं. ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के संवाददाताओं ने देखा कि विटकॉफ के काफिले ने शनिवार दोपहर ओमानी विदेश मंत्रालय से प्रस्थान किया और फिर तेजी से मस्कट के बाहरी इलाके की ओर बढ़ गया. काफिला एक परिसर में प्रवेश कर गया और इसके कुछ ही मिनट बाद, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघेई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि ‘‘अनौपचारिक वार्ता’’ शुरू हो गई है.
बघेई ने लिखा, ‘‘यह वार्ता ओमानी मेजबान द्वारा तय स्थान पर होगी, जिसमें इस्लामी गणराज्य ईरान और अमेरिका के प्रतिनिधि शामिल होंगे तथा ओमानी विदेश मंत्री के माध्यम से एक-दूसरे को अपने विचार और स्थिति से अवगत कराएंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘न तो हम और न ही दूसरा पक्ष निरर्थक वार्ता में रुचि रखते हैं.’’ बघेई ने कहा, ‘‘अमेरिका समेत दोनों पक्षों ने कहा है कि उनका लक्ष्य कम से कम समय में समझौते पर पहुंचना है. हालांकि, यह निश्चित रूप से आसान काम नहीं होगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने आमने-सामने बातचीत करके अमेरिकियों की मांग पूरी कर दी.’’ ट्रंप और विटकॉफ दोनों ने ही इस बातचीत को ‘‘प्रत्यक्ष’’ बताया था. मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले ओमान के विदेश मंत्री बदर अल-बुसैदी ने कहा कि दोनों देशों का ‘‘एक निष्पक्ष और बाध्यकारी समझौता करने का साझा लक्ष्य है.’’ उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘मैं अपने दोनों सहयोगियों को उस बातचीत के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, जो एक मैत्रीपूर्ण माहौल में हुई. यह वार्ता विचारों को जोड़ने और अंततः क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, सुरक्षा और स्थिरता हासिल करने के लिए अनुकूल थी.’’
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