जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने शनिवार को खनन, उद्योग और वाणिज्य, लोक निर्माण, श्रम और रोजगार तथा कौशल विकास सहित पांच प्रमुख विभागों के लिए 7,019.18 करोड़ रुपये से अधिक के अनुदान को पारित कर दिया. उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी द्वारा विधानसभा में पेश किए गए अनुदानों में खनन विभाग के लिए 70.51 करोड़ रुपये, उद्योग और वाणिज्य विभाग के लिए 1,086.03 करोड़ रुपये, लोक निर्माण विभाग के लिए 5,283.74 करोड़ रुपये, श्रम और रोजगार विभाग के लिए 353.44 करोड़ रुपये और कौशल विकास विभाग के लिए 225.61 करोड़ रुपये शामिल हैं.
पीटीआई के मुताबिक, चर्चा के दौरान, उपमुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लोक निर्माण विभाग 40,000 किलोमीटर लंबे सड़क नेटवर्क की देखरेख करता है और 2025-26 में 4,000 किलोमीटर सड़कों पर तारकोल बिछाना है. उन्होंने बुनियादी ढांचे के विस्तार पर जोर दिया, लोक निर्माण विभाग ने 2025-26 में 4,000 किलोमीटर सड़कों को पक्का करने का लक्ष्य रखा है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत, 2,140 चिन्हित गांवों में से 2,132 को जोड़ा जा चुका है, पीएमजीएसवाई चरण II और III के तहत आगे के उन्नयन की योजना बनाई गई है.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढांचा कोष (सीआरआईएफ) ने 4,337 करोड़ रुपये की 294 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें से 194 पूरी हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन प्रमुख पुलों में इंद्री पट्टन परगवाल में चिनाब पर 2,000 मीटर का पुल और जोथाना में उझ पर 445 मीटर का पुल शामिल है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायों को आकर्षित करने के लिए 14 नीतियां पेश की हैं, जिनमें नई केंद्रीय क्षेत्र योजना (एनसीएसएस) 2021 भी शामिल है, जो प्रोत्साहन और कर राहत प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि अब तक 971 औद्योगिक इकाइयों को मंजूरी दी गई है, जिससे 10,471 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है और 51,897 से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं. उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र, जो जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक रोजगार का 90 प्रतिशत हिस्सा है, में 7.10 लाख इकाइयां पंजीकृत हैं, जो यूटी की अर्थव्यवस्था में 8 प्रतिशत का योगदान देती हैं. ”
औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार करने के लिए, 64 मौजूदा औद्योगिक एस्टेट के साथ-साथ 46 नए औद्योगिक एस्टेट विकसित किए जा रहे हैं. 2023-24 में निवेश 3,389 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिससे 1,46,317 नौकरियां पैदा हुईं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक है.” उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो पोर्टल को 1.69 लाख करोड़ रुपये के 8,537 निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें 6.06 लाख नौकरियां पैदा होने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि 4.22 लाख कारीगरों को रोजगार देने वाला हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र लगातार फल-फूल रहा है, जिसमें पश्मीना शॉल और कश्मीरी कालीन जैसे प्रमुख उत्पाद वैश्विक पहचान हासिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या में 2020 से अब तक 326 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पंजीकृत स्टार्टअप 2020 में 237 से बढ़कर 2024 में 1,011 हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने नए व्यवसायों का समर्थन करने के लिए 250 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड लॉन्च किया है और पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान बुनियादी ढांचे की योजना बनाने में सहायता कर रहा है. उन्होंने कहा कि इनमें से 373 स्टार्टअप का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं. इसके अलावा, 1,600 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत किए गए हैं. फरवरी 2024 में लॉन्च की गई नई स्टार्टअप नीति 2024-27, नए व्यवसायों को सीड फंडिंग, उद्यम पूंजी, पेटेंट सहायता, मेंटरशिप और बुनियादी ढांचा सहायता प्रदान करती है. स्टार्टअप विकास का समर्थन करने के लिए सरकार द्वारा शुरू में 25 करोड़ रुपये के साथ 250 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित किया गया है.
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