इस राज्य ने लागू किया यूनिफायड पेंशन स्कीम, जानें किन्हें मिलेगा इसका फायदा
शनिवार को मोदी सरकार ने इस नई पेंशन व्यवस्था को शुरू करने का ऐलान किया था. इसमें 1 जनवरी, 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यूपीएस को मंजूरी दी गई थी
केंद्र सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को लागू किए जाने की घोषणा के 24 घंटे बाद ही महाराष्ट्र सरकार ने भी इसके लिए मंजूरी दे दी है. ऐसा करते ही महाराष्ट्र यूपीएस को सबसे पहले अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने रविवार को राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए यूपीएस योजना को लागू करने का फैसला किया. इससे राज्य के सभी कर्मचारियों को रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलेगी.
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार, यूपीएस इस साल मार्च से प्रभावी होगा और इसका लाभ राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को मिलेगा. बता दें शनिवार को मोदी सरकार ने इस नई पेंशन व्यवस्था को शुरू करने का ऐलान किया था. इसमें 1 जनवरी, 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यूपीएस को मंजूरी दी गई थी. कर्मचारी पहले से चल रही एनपीएस या यूपीएस में से किसी एक का विकल्प चुन सकते हैं. इसमें उन्हें 50 फीसद पेंशन मिलेगी. साथ ही इसमें फैमिली पेंशन और मेडिकल फैसिलिटी समेत दूसरी कई सुविधाएं भी शामिल होंगी. हालांकि इस व्यवस्था का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 25 साल नौकरी करनी होगी.
7,000 करोड़ की इस योजना को भी हरी झंडी
मंत्रिमंडल ने राज्य में ज्यादा से ज्यादा किसानों को आसानी से और बिना रुकावट बिजली मिल सके इसके लिए बिजली आपूर्ति योजना का विस्तार करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है. इसके अलावा 7,000 करोड़ रुपए की नार-पार-गिरना रिवर लिंक स्कीम को भी मंजूरी दी गई है, इससे नासिक और जलगांव जैसे उत्तरी महाराष्ट्र के जिलों को लाभ होगा. इस परियोजना में नार, पार और औरंगा नदियों से 9.19 टीएमसी पानी लेकर 14.56 किलोमीटर लंबी सुरंग के जरिए चंकापुर बांध के पास गिरना नदी बेसिन में छोड़ा जाएगा. कैबिनेट के बयान के मुताबिक इससे सिंचाई के तहत लगभग 50,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को लाभ होगा.
सरकार जुटाएगी पैसे
सरकारी अधिकारी के मुताबिक राज्य सरकार ठाणे जिले में एक महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए महात्मा फुले अक्षय ऊर्जा और अवसंरचना प्रौद्योगिकी लिमिटेड के तहत इक्विटी और बॉन्ड से 5000 करोड़ रुपये जुटाएगी. जबकि कुल लागत 6,049 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है. इसमें टेकड़ी बंगला, हजूरी और किसान नगर में क्लस्टर हाउसिंग प्रोजेक्ट शामिल हैं. इसी तरह की परियोजनाएं भिवंडी के चाविंद्रे और पोगांव और चंद्रपुर नगर निगम के तहत कोसारा में भी शुरू की जाएंगी.
Published: August 26, 2024, 11:37 IST
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