नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NUCFDC), जो शहरी सहकारी बैंकों की अम्ब्रेला ऑर्गनिज़शन है, ने कुल ₹242.45 करोड़ की पूंजी जुटाई है. पूंजी जुटाने के प्रयास में नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित ₹300 करोड़ की पूंजी लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है.
अपने फंडिंग के दूसरे चरण में, संगठन द्वारा जुटाए गए ₹124.50 करोड़ की हाल ही में हुई एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग में मंजूरी दी गई. इस दौर में नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने 95 बैंकों, तीन राज्य फेडरेशनों और नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC) से पूंजी जुटाई. पहले चरण में, जो पिछले वर्ष हुआ था, नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने 124 बैंकों, चार राज्य UCB फेडरेशनों और NCDC से ₹118 करोड़ एकत्र किए थे.
इसके अतिरिक्त, नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को ₹17 करोड़ के पूंजी प्रतिबद्धता प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. आवश्यक औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद, चुकता पूंजी (Paid-up Capital) बढ़कर लगभग ₹260 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है. साथ ही, अम्ब्रेला ऑर्गनिज़शन ने छोटे टियर-I और टियर-II बैंकों से ₹40 करोड़ की अतिरिक्त राशि जुटाने का लक्ष्य रखा है.
फरवरी 2024 में स्थापित नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, शहरी सहकारी बैंकों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के बैंकों, की परिचालन क्षमता को आधुनिक बनाने और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. संगठन का उद्देश्य फंड-आधारित और गैर-फंड-आधारित सेवाओं के माध्यम से पूंजीगत समर्थन प्रदान करना, आधुनिक आईटी अवसंरचना (IT Infrastructure) को सशक्त बनाना, और क्षमता निर्माण (Capacity-Building) पहल को बढ़ावा देना है.
वर्तमान में, नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने शहरी सहकारी बैंकों के बीच कंप्लायंस, कानूनी पारदर्शिता और टेक्नोलॉजी अडॉप्शन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सेवाएं शुरू की हैं. अपने प्रयासों के तहत, NUCFDC लीगल एडवाइजरी सर्विसेज प्रदान कर रहा है, जिससे UCBs को महत्वपूर्ण समझौतों को अंतिम रूप देने और नियामकीय अनुपालन सुनिश्चित करने में सहायता मिल सकें. इसके अलावा, Compliance Monitoring-as-a-Service के माध्यम से शहरी सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए अनुपालन रिपोर्टिंग स्वचालित (Automated) करने की सुविधा दी जा रही है. इससे मैन्युअल हस्तक्षेप कम होगा और पारदर्शिता व रिपोर्टिंग की सटीकता में सुधार आएगा. तकनीकी चुनौतियों को दूर करने के लिए, विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के बैंकों के लिए, NUCFDC प्रौद्योगिकी परामर्श सेवाएं (Technology Consulting Services) भी प्रदान कर रहा है. इसके तहत विशेषज्ञ मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे UCBs आधुनिक आईटी समाधानों को प्रभावी ढंग से अपनाने और प्रबंधित करने में सक्षम हो सकें.
अपने प्रयासों के तहत, NUCFDC लीगल एडवाइजरी सर्विसेज (Legal Advisory Services) प्रदान कर रहा है, जिससे UCBs को महत्वपूर्ण समझौतों को अंतिम रूप देने और नियामकीय अनुपालन (Regulatory Compliance) सुनिश्चित करने में सहायता मिल सके. इसके अलावा, कंप्लायंस मॉनिटरिंग एस अ सर्विस के माध्यम से शहरी सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक के लिए स्वचालित रूप से अनुपालन रिपोर्टिंग करने की सुविधा दी जा रही है. इससे मैन्युअल हस्तक्षेप कम होगा और पारदर्शिता व रिपोर्टिंग की सटीकता में सुधार आएगा.
तकनीकी चुनौतियों को दूर करने के लिए, विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के बैंकों के लिए, NUCFDC प्रौद्योगिकी परामर्श सेवाएं भी प्रदान कर रहा है. इसके तहत विशेषज्ञ मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे UCBs आधुनिक आईटी समाधानों को प्रभावी ढंग से अपनाने और प्रबंधित करने में सक्षम हो सकें.
Download Money9 App for the latest updates on Personal Finance.