अमेरिका स्थित एल्टन एविएशन कंसल्टेंसी के निदेशक जोशुआ एनजी ने कहा कि भारत में हवाई यात्रियों की संख्या 2025 में सात फी की मजबूत दर से बढ़ने की उम्मीद है. इसे हवाई यात्रा करने वाले बढ़ते मध्यम वर्ग और किफायती हवाई यात्रा से काफी मदद मिलेगी.
भारत में विमानन संभावनाओं को लेकर आशान्वित एनजी ने कहा कि यह देश, जो एशिया प्रशांत की घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात मांग में लगभग 10 प्रतिशत का योगदान देता है, कोविड-19 वैश्विक महामारी के पहले के स्तर पर लौट चुका है.
एनजी ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इस तरह की बढ़ती मांग भारत के बड़े पैमाने पर विमानन विकास कार्यक्रमों को समर्थन देती है, जिसमें देश भर में 150 हवाई अड्डों की स्थापना भी शामिल है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में यात्रियों की संख्या 2025 में सात प्रतिशत की मजबूत दर से बढ़ने की उम्मीद है, जिसे देश की विमानन कंपनियों की करीब 1,900 विमान की ‘ऑर्डर बुक’ से समर्थन मिलेगा.’’
एल्टन एविएशन कंसल्टेंसी के निदेशक ने कहा कि इसके अलावा, ‘‘एयर इंडिया और विस्तारा के बीच हाल में हुए विलय से भी उद्योग में अधिक स्थिरता आने की उम्मीद है, क्योंकि एयर इंडिया और इंडिगो क्रमशः पूर्ण-सेवा तथा कम-लागत वाले वाहक खंडों में दो प्रमुख कंपनियां बनकर उभरेंगी.’’
वैश्विक परिप्रेक्ष्य पर उन्होंने कहा कि चूंकि वैश्विक हवाई यातायात वैश्विक महामारी के पूर्व के स्तर पर लौट आया है, इसलिए विमानन उद्योग 2024 से 2034 तक चार प्रतिशत प्रति वर्ष की अपनी दीर्घकालिक वृद्धि प्रवृत्ति को जारी रखेगा. इसे वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 2.7 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि से बल मिलेगा.
एनजी ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र हवाई यात्रा के लिए सबसे बड़ा बाजार बना रहेगा जिसकी अनुमानित वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत प्रति वर्ष होगी, जो मुख्य रूप से चीन और भारत से बढ़ती दीर्घकालिक मांग से प्रेरित होगी.
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