गन्ने की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. पंजाब सरकार इस साल गन्ने के राज्य स्वीकृत मूल्य (एसएपी) में 10 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोतरी कर सकती है. इससे प्रदेश के हजारों किसानों को सीधा फायदा होगा. हालांकि, राज्य सरकार ने पिछल साल गन्ने के एसएपी में 11 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोतरी की थी. इसके बाद पंजाब में गन्ने का एसएपी रेट बढ़ कर 391 रुपये क्विंटल हो गया. अगर सरकार इस साल 10 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोतरी करती है तो गन्ने का एसएपी 401 रुपये हो जाएगा.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में चार विधानसभा उपचुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद बढ़ी हुई कीमत का ऐलान किया जा सकता है. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि चूंकि पड़ोसी राज्य हरियाणा ने 400 रुपये प्रति क्विंटल एसएपी की घोषणा कर दी है, इसलिए पंजाब सरकार के ऊपर भी एसएपी में बढ़ोतरी करने का दबाव बढ़ गया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पंजाब सरकार हरियाणा से थोड़ी अधिक ही एसएपी में बढ़ोतरी करेगी.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह गन्ना नियंत्रण बोर्ड की एक बैठक हुई थी. इस बैठक में गन्ने का एसएपी बढ़ाने पर चर्चा की गई. कहा जा रहा है कि 23 नवंबर को प्रदेश में लागू आदर्श आचार संहिता समाप्त हो जाएगी. इसके बाद कभी भी राज्य स्वीकृत मूल्य लागू किया जा सकता है. ऐसे इस साल पंजाब में गन्ने के रकबे में बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल गन्ने का रकबा 95,000 हेक्टेयर था. लेकिन इस साल बढ़कर 1 लाख हेक्टेयर हो गया है.
इस सीजन में 700 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की जाएगी. इससे 62 लाख क्विंटल चीनी उत्पादन की उम्मीद है. बड़ी बात यह है कि इस साल 9 सहकारी चीनी मिलों में से दो (बटाला और गुरदासपुर) को अपग्रेड किए जाने के साथ ही सहकारी चीनी मिलों की पेराई क्षमता 210 लाख क्विंटल हो जाएगी. जबकि छह निजी चीनी मिलों द्वारा 500 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई होने की उम्मीद है. पिछले साल 9 सहकारी चीनी मिलों ने 195 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की थी.
दोआबा किसान संघर्ष समिति के महासचिव जंगवीर सिंह चौहान का कहना है कि सरकार ने गन्ना उत्पादकों के सभी पिछले बकाये का भुगतान कर दिया है, लेकिन निजी चीनी मिलों को अपनी उपज बेचने वाले किसानों को अभी भी 9.50 करोड़ रुपये का भुगतान करना बाकी है. पिछले साल निजी मिलों ने 391 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ी हुई एसएपी का भुगतान करने में असमर्थता जताई थी, इसलिए सरकार ने कहा था कि वह उन मिलों को गन्ना बेचने वाले किसानों को 55.50 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान करेगी.
Download Money9 App for the latest updates on Personal Finance.