RBI ने दी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की प्रीमैच्योर रिडेम्पशन के बारे में जानकारी, जानें कैसे करा सकते है रिडीम
निवेशकों को अपने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के रिडेम्पशन के लिए आवेदन की अंतिम तारीख से पहले रिक्वेस्ट जमा करनी होगी. यदि तय रिडेम्पशन तिथि पर बैंक हॉलिडे होता है, तो रिडेम्पशन की तारीख बदल सकती है.
Premature Redemption Sovereign Gold Bond: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अप्रैल 2025 से सितंबर 2025 तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की समय से पहले रिडेम्पशन (Premature Redemption) का शेड्यूल जारी कर दिया है. जिन निवेशकों के बॉन्ड पांच साल पूरे कर चुके हैं, वे परिपक्वता (Maturity) से पहले अपना निवेश निकाल सकते हैं. निवेशक अपने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) को केवल तब ही रिडीम कर सकते हैं जब उनके बॉन्ड को जारी हुए पांच साल पूरे हो चुके हों.
समय से पहले रिडेम्पशन के जरूरी नियम
रिडेम्पशन के लिए उन्हें निर्धारित समय सीमा के भीतर आवेदन करना जरूरी होगा. यह आवेदन वे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL), सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) या बॉन्ड जारी करने वाली संस्था के माध्यम से कर सकते हैं. प्रत्येक ट्रांश (Tranche) की रिडेम्पशन की तारीख अलग-अलग होगी, इसलिए निवेशकों को अपने बॉन्ड की सही तिथि के अनुसार आवेदन करना होगा.
प्रमुख रिडेम्पशन तारीखें
सीरीज
जारी होने की तारीख
रिडेम्पशन की तारीख
आवेदन करने की अवधि
2017-18 सीरीज III
16 अक्टूबर 2017
16 अप्रैल 2025
17 मार्च – 7 अप्रैल 2025
2017-18 सीरीज IV
23 अक्टूबर 2017
23 अप्रैल 2025
24 मार्च – 15 अप्रैल 2025
2017-18 सीरीज VI
6 नवंबर 2017
6 मई 2025
5 अप्रैल – 28 अप्रैल 2025
2018-19 सीरीज I
4 मई 2018
3 मई 2025
3 अप्रैल – 23 अप्रैल 2025
2019-20 सीरीज IV
17 सितंबर 2019
17 सितंबर 2025
18 अगस्त – 8 सितंबर 2025
(बाकी सभी सीरीज के लिए भी आवेदन और रिडेम्पशन की अलग-अलग तारीखें हैं)
निवेशकों के लिए जरूरी जानकारी
निवेशकों को अपने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के रिडेम्पशन के लिए आवेदन की अंतिम तारीख से पहले रिक्वेस्ट जमा करनी होगी. यदि तय रिडेम्पशन तिथि पर बैंक हॉलिडे होता है, तो रिडेम्पशन की तारीख बदल सकती है. भुगतान की राशि RBI द्वारा तय की गई सोने की मौजूदा कीमत पर निर्भर करेगी. इसके अलावा, SGBs को टैक्स-एफिशिएंट निवेश माना जाता है, क्योंकि इसमें निवेशकों को 2.5 फीसदी वार्षिक ब्याज मिलता है और यह लॉन्ग-टर्म में सोने में निवेश का एक अच्छा विकल्प है. अगर किसी निवेशक को मेच्योरिटी से पहले नकदी की जरूरत है, तो वे आरबीआई के इस रिडेम्पशन विंडो का उपयोग कर सकते हैं.