नए साल से पहले कम हो सकता है EMI का बोझ, RBI घटा सकता है रेपो रेट
रॉयटर्स के एक सर्वे में अर्थशास्त्रियों ने अनुमान जताया है कि भारत का केंद्रीय बैंक धीमी पड़ती आर्थिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर में रेपो रेट में कटौती कर सकता है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नए साल से पहले लोगों को बड़ी राहत दे सकता है. खबर है कि केंद्रीय बैंक दिसंबर में रेपो रेट में कटौती कर सकता है, जिससे होम लोन समेत अन्य कर्ज की दरें कम हो जाएंगी. रॉयटर्स के एक सर्वे में अर्थशास्त्रियों ने अनुमान जताया है कि भारत का केंद्रीय बैंक धीमी पड़ती आर्थिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर में रेपो रेट में कटौती कर सकता है. अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि रिजर्व बैंक 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है. साथ ही, उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि शॉर्ट टर्म में महंगाई दर में कमी आएगी.
घटेगी महंगाई दर
सितंबर में महंगाई दर बढ़कर 5.49 फीसदी हो गई, लेकिन इस तिमाही में इसके औसतन 4.9 फीसदी पर आने और जनवरी-मार्च में 4.6 फीसदी पर आने का अनुमान है. इससे रिजर्व बैंक को ब्याज दर में ढील देने की गुंजाइश मिल गई है. केंद्रीय बैंक ने पिछली 10 मीटिंग में ब्याज दरों को 2019 की शुरुआत के बाद से उच्चतम स्तर पर रखा है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कहा कि महंगाई दर और आर्थिक वृद्धि के बीच संतुलन ‘अच्छी तरह संतुलित’ है और मुद्रास्फीति के अगली तिमाही में कम होने का अनुमान है.
स्टांस में बदलाव
इस महीने स्टांस में ‘न्यूट्रल’ बदलाव और अब अर्थशास्त्रियों द्वारा बढ़ोतरी में थोड़ी मंदी की आशंका ने दरों में कटौती के पक्ष में माहौल तैयार कर दिया है. 21-29 अक्टूबर को रॉयटर्स पोल में 57 में से 30 अर्थशास्त्रियों ने कहा कि आरबीआई अपनी 4-6 दिसंबर को मॉनिटिरी पॉलिसी की बैठक के बाद रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके इसे 6.25 फीसदी कर देगा. इस महीने हुई मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में रिजर्व बैंक ने स्टांस को बदलकर न्यूट्रल कर दिया था, जिससे दिसंबर की बैठक में रेट में कटौती की संभावना के संकेत मिले थे.
अप्रैल 2023 से स्थिर है रेपो रेट
यानी एक बार फिर से लोन सस्ता होने का इंतजार आगे बढ़ गया है, क्योंकि लोगों को रिजर्व बैंक से इस बार रेपो रेट में कटौती की उम्मीद थी. अप्रैल 2023 से ही 6.5 फीसदी पर रेपो रेट स्थिर है. रेपो रेट में मई 2022 से फरवरी 2023 तक कई बार बढ़ोतरी की गई थी और इसमें 2.5 फीसदी का इजाफा हुआ था.
रेपो रेट का सीधा कनेक्शन लोन से है. इसके घटने से लोगों की EMI कम हो जाती और जब इसमें बढ़ोतरी होती है, तो लोन की EMI भी बढ़ जाती है.
Published: October 30, 2024, 19:27 IST
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