त्योहारी सीजन में मार्केट में खूब भीड़ देखने को मिलती है और साथ ही स्टोर्स पर बिलिंग के लिए लंबी लाइन भी. आप भी कभी न कभी बिलिंग की लाइन में लगे ही होंगे. लेकिन अब बिलिंग की लंबी लाइन से छुटकारा मिलने जा रहा है. जियो की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बिलिंग की लाइन को खत्म कर देगी. शॉपिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से कार्ट खुद ही खरीदारी का बिल बना देगी. रिलायंस जियो ने इस कमाल की टेक्नोलॉजी को इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 में प्रदर्शित किया है. कहा जा रहा है कि ग्राहक इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे और उन्हें बिलिंग की लाइन से छुटकारा मिल जाएगा.
स्टोर में उपलब्ध इंटेलिजेंट शॉपिंग कार्ट सीधे बिलिंग डेस्क से जुड़ी होंगी और इसके जरिए खरीदे हुए सामानों की बिलिंग होगी. स्टोर में ग्राहक जो भी सामान कार्ट में डालेगा, उस सामान को कार्ट पर लगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरे और स्कैनर कैप्चर करके बिलिंग डेस्क को भेज देंगे. इसके बाद डेटा बेस से प्रोडक्ट का प्राइस निकाल कर बिल में जोड़ दिया जाएगा.
गलती से शॉपिंग कार्ट में डाले गए प्रोडक्ट को अगर ग्राहक कार्ट से निकाल देता है, तो उस प्रोडक्ट का प्राइस तुरंत बिल से स्वंय ही हट जाएगा. बिलिंग डेस्क ग्राहक की कार्ट का क्यूआर कोड स्कैन करेगा और आपका बिल पेमेंट के लिए तैयार हो जाएगा. रिलायंस रिटेल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शॉपिंग कार्ट का पायलट प्रोजेक्ट हैदराबाद और मुंबई के कुछ चुनिंदा स्टोर्स में चला रही है. ग्राहकों से मिल रहे शानदार फीडबैक के चलते जल्द ही इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है.
छोटे दुकानदारों के इलेक्ट्रानिक तराजू को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ा जा सकेगा. इलेक्ट्रानिक तराजू पर मूंग की दाल रखने पर, यह न केवल दाल का तौल करेगा साथ ही उसपर लगे कैमरों से उसे पहचान भी लेगा. यानी किसी भी तरह के प्रोडक्ट को इलेक्ट्रानिक तराजू पर रखते ही उसका नाप-तौल और कीमत तुरंत पता चल जाएगी. तराजू के सामने शॉपिंग कार्ट की तरह का एक एरिया मार्क होगा जिसमें पैक्ड प्रोडक्ट को रखते ही उसकी कीमत भी बिल में जुड़ जाएगी.