Shilajit Market: शिलाजीत एक तरह का तरल पदार्थ है, जो हिमालय के ऊंची चोटियों पर प्राकृतिक रूप से पैदा होता है. लेकिन भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में सैकड़ों साल से शिलाजीत का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जा रहा है. इसका सेवन करने से कई तरह की गंभीर और असाध्य बीमारियों में राहत मिलती है. लेकिन अब शिलाजीत का इस्तेमाल केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में किया जा रहा है. इससे ग्लोबल स्तर पर शिलाजीत का कारोबार बढ़ गया है. इसका बिजनेस 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है. खास बात यह है कि शिलाजीत का बिजनेस में भारत के साथ-साथ कई विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं.
ग्रैंड व्यू रिसर्च के मुताबिक, साल 2023 में शिलाजीत का ग्लोबल मार्केट 175.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया था. जबकि, साल 2024 से 2030 तक इसके कारोबार में 9.0 फीसदी उछाल की उम्मीद है. खास बात यह है कि रिटेल दुकानों के अलावा शिलाजीत की ऑनलाइन भी खूब बिक्री हो रही है. ऑनलाइन माध्यम से शिलाजीत की बिक्री 2024 से 2030 तक 9.6 फीसदी की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है. अगर इन आंकड़ों पर नजर डालें तो, शिलाजीत की मांग भारत ही नहीं पूरे विश्व में बढ़ रही है.
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तेजी से बढ़ेगा शिलाजीत का कारोबार
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Amazon कैप्सूल, पाउडर और लिक्विड सहित कई रूप में शिलाजीत बेचा जा रहा है. इससे अमेरिका सहित कई देशों में शिलाजीत की पहुंच आसान हो गई है. ऐसे अमेरिका में शिलाजीत बाजार 2024 से 2030 तक महत्वपूर्ण CAGR पर बढ़ने का अनुमान है. वहीं, यूरोप में यूरोप में शिलाजीत का बाजार 2024 से 2030 तक 8.8 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. क्योंकि यूरोप में आयुर्वेदिक दवा और इसके प्राकृतिक उपचारों के बारे में जागरूकता बढ़ रही है. वहीं, एशिया प्रशांत क्षेत्र में 2024 से 2030 तक शिलाजीत का मार्केट 9.3 फीसदी दर से बढ़ सकती है.
शिलाजीत के कारोबार से जुड़ी हैं ये कंपनियां
- अंडरसन बायोमेडटेक कॉर्प
- विस्टेरा
- बॉटनिक हेल्थकेयर
- अल्पस्प्योर लाइफसाइंसेज
- हर्बोइल केम
- शानक्सी हुआचेन बायोटेक
- मुफान बायोलॉजी
- शीआन चांगयू बायोलॉजिकल टेक्नोलॉजी
- ब्लिसक इंक
- डाबर
- पतंजिल
- बैद्यनाथ
- झंडू
कैसे बनता है शिलाजीत
शिलाजीत हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में हजारों फीट ऊंची चोटियों पर पाया जाता है. लद्दाख में मिलने वाले शिलाजीत को गोल्ड ग्रेड कहा जाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, शिलाजीत चट्टानों के बीच से निकलता है. क्योंकि चट्टानों के बीच कुछ ऐसे औषधीय पौधे उगते हैं, जो भयंकर गर्मी के कारण सूख जाते हैं. सूखने के बाद इनमें से तरल पदार्थ पिघलकर टपकने लगता है और धीरे-धीरे पत्थरों के बीच जमा हो जाता है. फिर पत्थरों के बीच से उठाकर इसकी प्रोसेसिंग की जाती है, जिसके बाद इसका इस्तेमाल किया जाता है.
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Published: January 13, 2025, 20:19 IST