श्रीलंका की पार्टी मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना ने अडानी ग्रुप को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. पार्टी ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि अगर अगले सप्ताह होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में हम जीतते हैं तो अडानी ग्रुप के पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट को रद्द कर देंगे. जेवीवी ने कसम खाई कि हमारी सरकार बनते ही अडानी ग्रुप के इस प्रोजेक्ट को रद्द कर देंगे.
जेवीपी के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके जो कि नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं. उन्होंने एक राजनीतिक चैट शो के दौरान कहा कि उनकी सरकार बनती है वे अडानी ग्रुप के विंड पॉवर प्रोजेक्ट को रद्द कर देंगे. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट हमारे द्विपक्षीय रिश्तों और हमारी ऊर्जा संप्रभुता को खतरा पहुंचा रहे हैं. इसके साथ ही चुनावी स्थिति पर बोलते हुए कहा कि हमारी पार्टी जेवीपी, जिसने 1987 और 1990 के बीच खूनी भारत विरोधी विद्रोह का नेतृत्व किया था. हम 21 सितंबर को होने वाले चुनाव में बढ़त बनाए हुए हैं. हमारी पार्टी निश्चित ही चुनाव में जीत दर्ज करेगी.
अडानी समूह को द्वीप राष्ट्र के पूर्वोत्तर क्षेत्रों मन्नार और पूनरी में एक पवन ऊर्जा परियोजना के प्रस्तावित निर्माण के लिए मंजूरी मिलने के बाद श्रीलंका के सर्वोच्च न्यायालय में मौलिक अधिकारों के मुकदमे का सामना करना पड़ा है. अडानी समूह 20 साल के समझौते में 484 मेगावाट विंड पावर के विकास के लिए 440 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक का निवेश करने वाला था. याचिकाकर्ताओं ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं और अडानी ग्रीन एनर्जी को मंजूरी देने के लगाई गई बोली प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर के सवाल खड़े किए हैं. याचिकाकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया है कि 0.0826 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोवाट घंटा का सहमत टैरिफ श्रीलंका के लिए नुकसानदेह होगा और इसे घटाकर 0.005 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोवाट घंटा किया जाना चाहिए.
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