ट्रक मालिकों के संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने सोमवार को फिटनेस प्रमाणन शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि का विरोध किया। संगठन ने कहा कि इस प्रस्ताव से परिवहन महंगा हो जाएगा तथा आपूर्ति श्रृंखला बाधित होगी और प्रमाणन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना के मसौदे का हवाला देते हुए एआईएमटीसी ने कहा कि आठ वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाणन शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि से वाणिज्यिक और निजी वाहन मालिकों में व्यापक चिंता और नाराजगी पैदा हो गई है।
बयान में चेतावनी दी गई है कि यदि सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार नहीं करती है और इसे वापस नहीं लेती है, तो स्थिति के नियंत्रण से बाहर हो जाने की प्रबल संभावना है, जिसका अर्थव्यवस्था और आपूर्ति श्रृंखला पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
एआईएमटीसी के अनुसार, परिवहन मंत्रालय द्वारा सात फरवरी को जारी नए प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, मोटरसाइकिल, तिपहिया और चारपहिया वाहनों सहित वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाणन शुल्क में काफी वृद्धि की गई है।
इससे पहले अधिकांश वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाणन शुल्क 500 रुपये से 1,500 रुपये के बीच था, जबकि भारी परिवहन वाहनों के लिए 3,000 रुपये का शुल्क देना पड़ता था।
बयान में कहा गया कि नई अधिसूचना के मसौदे में इन शुल्कों को दोगुना से भी अधिक कर दिया गया है, अब मोटरसाइकिलों के लिए आठ से 15 साल की अवधि के लिए 1,000 रुपये और 15 साल के बाद 2,000 रुपये देने होंगे।’
इसमें कहा गया, ‘इसी प्रकार, तिपहिया और भारी वाहनों के लिए फिटनेस परीक्षण शुल्क 7,000 रुपये से 25,000 रुपये के बीच अनुमानित किया गया है।’
Published: March 22, 2025, 21:10 IST
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