इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि विभिन्न कानूनों के तहत सार्वजनिक खुलासे का विषय होने वाले व्यक्तिगत विवरणों को नया डेटा संरक्षण नियम लागू होने के बाद भी सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के अधीन जारी किया जाता रहेगा.
केंद्रीय मंत्री ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेता जयराम रमेश के लिखे एक पत्र के जवाब में सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिये यह स्पष्टीकरण दिया है. राज्यसभा सांसद रमेश ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम 2023 की धारा 44 (3) को ‘स्थगित, समीक्षा करने और निरस्त करने’ की मांग की थी.
रमेश ने 23 मार्च को लिखे अपने पत्र में कहा था कि डीपीडीपी अधिनियम की धारा 44 (3) से सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम 2005 के तहत व्यक्तिगत जानकारी साझा करने पर रोक लगती है.
इस पर वैष्णव ने कहा, ‘कोई भी व्यक्तिगत जानकारी जो हमारे जनप्रतिनिधियों और कल्याण कार्यक्रमों आदि को नियंत्रित करने वाले विभिन्न कानूनों के तहत कानूनी दायित्वों के तहत प्रकटीकरण के अधीन है, उसका खुलासा आरटीआई अधिनियम के तहत जारी रहेगा.’
उन्होंने कहा, ‘असल में, यह संशोधन व्यक्तिगत सूचनाओं के खुलासे पर रोक नहीं लगाएगा. इसका उद्देश्य व्यक्तियों के गोपनीयता अधिकारों को मजबूत करना और कानून के संभावित दुरुपयोग को रोकना है.’
Published: April 10, 2025, 17:57 IST
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