आरबीआई की ओर से भले ही अभी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया हो, मगर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने दिवाली से पहले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. दरअसल एसबीआई ने सीमांत लागत आधारित उधार दर (MCLR) में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. इससे लोगों की ईएमआई का बोझ कम होगा. संशोधित दरें 15 अक्टूबर, 2024 यानी आज से लागू कर दी गई हैं.
एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार एमसीएलआर आधारित दरों को 8.20% से 9.1% की सीमा में रखा गया है. ओवरनाइट एमसीएलआर 8.20% पर है, जबकि एक महीने की दर 8.45% से घटाकर 8.20% कर दी गई है, इसमें 25 बीपीएस की कटौती की गई है. छह महीने की एमसीएलआर 8.85% निर्धारित की गई है, जबकि एक साल की एमसीएलआर को संशोधित कर 8.95% कर दिया गया है. वहीं दो साल की MCLR 9.05% और तीन साल की MCLR 9.1% है.
MCLR क्या है?
MCLR को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) के नाम से जानते हैं. यह वह न्यूनतम उधार दर है जिससे कम पर बैंक उधार नहीं दे सकता. 1 अप्रैल 2016 को RBI ने ऋण ब्याज दरें निर्धारित करने के लिए MCLR लागू किया था. इसके तहत बैंक आरबीआई की ओर से तय मानक से नीचे कर्ज नहीं दे सकते.
कितना है एसबीआई बेस रेट, बीपीएलआर और ईबीएलआर?
एसबीआई बेस रेट 15 सितंबर, 2024 से 10.40% पर है, वहीं बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) को 15 सितंबर, 2024 से 15.15% प्रति वर्ष के रूप में संशोधित किया गया है. इसके अलावा एसबीआई होम लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (ईबीएलआर) 9.15% पर रखा गया है होम लोन पर उधारकर्ता के CIBIL स्कोर के आधार पर ब्याज दरें 8.50% से 9.65% के बीच अलग-अलग हो सकती हैं. वहीं बेंचमार्क दर (आरईपीओ) में बदलाव की स्थिति में होम लोन की ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है.