. इसके तहत कंपनी के प्रमोटर अपने 1.45 कएनर्जी सप्लाई चेन और स्पेशलाइज्ड लॉजिस्टिक्स में काम करने वाली ग्लोटिस ने आईपीओ के साथ ही ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) भी रखा हैरोड़ शेयर बेचेंगे. कंपनी फिलहाल अपने कुल राजस्व का 42 फीसदी से ज्यादा रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री से हासिल करती है. बाजार नियामक सेबी को पेश किए गए रेड हेरिंग प्रोस्पेक्ट ड्राफ्ट (डीआरएचपी) के मुताबिक कंपनी को फ्रेश इश्यू के जरिये 200 करोड़ रुपये जुटाने हैं. जबकि, ओएफएस से कितनी रकम जुटाई जाएगी यह अभी साफ नहीं है. हालांकि, फ्रेश इश्यू और ओएफएस दोनों के तहत बिक्री के लिए रखे गए शेयरों की फेस वैल्यू 2 रुपये प्रति शेयर रखी गई है. इससे यह तय हो जाता है कि ओएफएस के जरिये कंपनी 3 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम हासिल करेगी.
डीआरएचपी के मुताबिक कंपनी के प्रमोटर्स रामकुमार एस. और कुट्टपन मनिकानंदन ओएफएस के तहत अपने-अपने हिस्से से बराबर शेयर (72.85 लाख ) बिक्री के लिए रखेंगे. दोनों की कंपनी में 49.49-49.49 फीसदी हिस्सेदारी है. प्रमोटर्स के शेयर की एक्वीजीशन कॉस्ट 0.13 रुपये प्रति शेयर है. चेन्नई, तमिलनाडु आधारित इस कंपनी के देशभर में फिलहाल 8 ब्रांच ऑफिस हैं. कंपनी का दावा है कि यह रिन्यूएबल एनर्जी सहित कई इंडस्ट्रीज के ग्राहकों के लिए स्पेशलाइज्ड लॉजिस्टिक्स सेवा मुहैया कराती है. कंपनी को अपने कारोबार का बड़ा हिस्सा रिन्यूएबल एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े लॉजिस्टिक्स के काम से मिलता है.
कंपनी ने बताया है कि आईपीओ से हासिल रकम में करीब 53 करोड़ रुपये अलग-अलग तरह का सामान ढ़ोने के लिए ट्रक और ट्रेलर जैसे वाहनों को खरीदने में करेगी. इसके अलावा करीब 38 करोड़ रुपये कर्ज को चुकाने में इस्तेमाल होंगे. शेष रकम का इस्तेमाल एक्वीजीशन और दूसरी जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा. अगर कंपनी के आकार के लिहाज से देखें, तो ग्लॉटिस का मुकाबला ऑलकार्गो लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया जैसी कंपनियों से होगा. वहीं, बैलेंस शीट के लिहाज से बात करें, तो पिछले वित्तवर्ष में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 31.5 करोड़ रुपये रहा. वहीं, इससे पहले यह 22.57 करोड़ रुपये था. कंपनी ने इस इश्यू को संभालने के लिए पेंटोमैथ को बुक रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किया है. इसके अलावा केफिनटेक को रजिस्ट्रार बनाया है.