ब्रोकरेज हाउस ने दी हुंडई पर 'BUY' रेटिंग, लेकिन निवेशकों को क्या है खतरा?
नोमुरा ने इस शेयर को ₹ 2,472 के लक्ष्य मूल्य के साथ 'खरीदने' की रेटिंग दी है. वहीं, मैक्वायरी ने 'आउटपरफॉर्म' रेटिंग देते हुए लक्ष्य मूल्य ₹2,235 पर सेट किया है.
बीते मंगलवार शेयर बाजार में लाल निशान पर बंद होने के बाद बुधवार, 23 अक्टूबर को हुंडई मोटर इंडिया के शेयर प्राइस में उछाल देखने को मिली. मंगलवार को लिस्टिंग के दिन पांच प्रतिशत के गिरावट के बाद निवेशकों में निराशा थी लेकिन आज 6 फीसदी के उछाल के साथ उनके चेहरों पर मुस्कान लौट आई.
बीते ट्रेडिंग सेशन में कंपनी के शेयर एनएसई (NSE) पर 1845 रुपए और बीएसई (BSE) पर 1820.40 के दाम पर मिल रहे थे. यह आंकड़ा कंपनी के इश्यू प्राइस (1960 रुपए) से बेहद कम है. लेकिन आज 4.19 के उछाल के साथ कंपनी का शेयर प्राइस बीएसई पर 1896 के आंकड़े पर पहुंच गए.
हुंडई के शेयर खरीदें या नहीं?
कमजोर शुरुआत के बावजूद, कई ब्रोकरेज फर्म इस शेयर को खरीदने की राय दे रहे हैं. मैक्वेरी और नोमुरा ने लिस्टिंग से पहले ही इस शेयर पर सकारात्मक रेटिंग के साथ कवरेज शुरू कर दिया.
नोमुरा ने इस शेयर को ₹ 2,472 के लक्ष्य मूल्य के साथ ‘खरीदने’ की रेटिंग दी है. वहीं, मैक्वायरी ने ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग देते हुए लक्ष्य मूल्य ₹2,235 पर सेट किया है.घरेलू ब्रोकरेज मोतिलाल ओसवाल ने भी इसे ‘खरीदें’ रेटिंग दी और लक्ष्य मूल्य ₹2,345 तय किया. यह कंपनी के भविष्य को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है. हालांकि, एमके ब्रोकरेज ने ‘रिड्यूस’ रेटिंग देते हुए ₹1,750 का लक्ष्य मूल्य तय किया है.
हुंडई बनाम मारुति सुजुकी: कौन है आगे?
मोतिलाल ओसवाल ने हुंडई की तुलना बाजार में इसके कॉम्पटिटर मारुति सुजुकी से की.इस तुलना ने ब्रोकरेज फर्म ने हुंडई को हल्की बढ़त दी. हुंडई की तकनीकी क्षमताएं, मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और इसकी प्रीमियम ब्रांड छवि इसे सुजुकी से आगे रखती है.
ब्रोकरेज ने हुंडई को 27x फॉरवर्ड प्राइस-टू-अर्निंग्स (PER) अनुपात दिया जबकि मारुति सुजुकी को 26x PER पर रखा, जिससे हुंडई का ₹2,345 का लक्ष्य मूल्य निर्धारित हुआ.
आईपीओ को लेकर निवेशकों का संशय
हालांकि, हुंडई के आईपीओ को लेकर कुछ चिंताएं भी उभरकर सामने आई हैं. हुंडई की पेरेंट कंपनी की कम वैल्यूएशन और FY24 में कंपनी ने ₹15,435 करोड़ का डिविडेंड भुगतान किया था. यह आंकड़ा साल 2023 से ज्यादा है. नतीजतन, निवेशक अपने पैसे को लेकर यहां सतर्क हो जा रहे हैं.
इसके अलावा, जून 2024 से बिक्री पर रॉयल्टी में 2.2% से बढ़ाकर 3.5% किए जाने की खबर ने भी भावना को प्रभावित किया. इसके बावजूद, आईपीओ को आखिरी दिन संस्थागत निवेशकों का समर्थन मिला, जबकि कई अन्य ऑफरिंग्स में शुरूआत से ही ओवरसब्सक्रिप्शन देखा गया था.
यूटिलिटी वाहनों में हुंडई की मजबूती
ऑटो सेक्टर में देखा जाए तो हुंडई धमाल कर रहा है. कंपनी यूटिलिटी वाहनों (UVs) पर फोकस बनाए हुए है जो मार्केट में इसे अच्छी बढ़त दिला रहे हैं. जहां अप्रैल-सितंबर 2024 में भारत में कुल यात्री वाहन (PV) की बिक्री साल दर साल सिर्फ 0.5% बढ़ी, वहीं UV की बिक्री में 13.2% की उछाल दर्ज की गई. हुंडई की कुल बिक्री में 67% हिस्सा UV से आता है, जिससे यह उपभोक्ता की बदलती पसंद का लाभ उठाने के लिए बेहतर स्थिति में है.
कमजोर रही हुंडई की लिस्टिंग परफॉर्मेंस
हुंडई मोटर इंडिया के शेयर की लिस्टिंग परफॉर्मेंस उम्मीद से कमजोर रही, और यह आईपीओ प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर से 7% नीचे बंद हुआ. मार्केट एक्सपर्ट को इसकी हाई वैल्यूएशन के कारण मजबूत शुरुआत की उम्मीद नहीं थी. कंपनी के वार्षिक Q1FY25 अर्निंग्स के हिसाब से 26.7 गुना वैल्यूएशन पर स्टॉक पूरी तरह से कीमत पर लगता दिखाई दे रहा था.
मोतिलाल ओसवाल ने बताया कि FY25 भारत के पैसेंजर वाहन (PV) बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण वर्ष हो सकता है लेकिन वे हुंडई मोटर इंडिया की अगले दो वर्षों में वॉल्यूम के हिसाब से 8% कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) की उम्मीद कर रहे हैं. इसके अलावा, FY25 से FY27 के बीच अर्निंग्स में 17% की CAGR का अनुमान लगाया गया है जबकि FY25 में थोड़ी धीमी गति की संभावना है.