शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद आब्रिट्राज फंडों ने एक साल में बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी की तुलना में ज्यादा रिटर्न दिया है. अर्थलाभ के आंकड़े बताते हैं कि इन फंडों ने एक साल में सात फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. इसी अवधि में ज्यादातर बड़े बैंकों के एफडी पर सात फीसदी से कम ब्याज मिला है.
आंकड़ों के मुताबिक, तीन साल में एक्सिस आब्रिट्राज फंड ने 6.25 फीसदी का रिटर्न दिया जबकि टाटा की इसी कैटेगरी ने 6.29 फीसदी का रिटर्न दिया है. आदित्य बिड़ला की स्कीम ने 6.31 फीसदी, यूनियन म्यूचुअल फंड की आब्रिट्राज स्कीम ने 6.18 फीसदी, एचएसबीसी और बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड की स्कीम ने 6.19 फीसदी-6.19 फीसदी का रिटर्न निवेशकों को दिया है.
विश्लेषकों के मुताबिक, 2025 की शुरुआत में भारतीय इक्विटी बाजार में भारी बिकवाली देखी गई है. जनवरी एक चुनौतीपूर्ण महीना बन गया. मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक, जो 2024 में बेहतर फायदा दिए थे, जनवरी में बिकवाली के दबाव में टूट गए, क्योंकि मूल्यांकन संबंधी चिंताएं, कंपनियों की कम कमाई और निवेशकों की सतर्कता ने बाजार पर दबाव बनाया.
बाजार की कमजोरी और विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारी निकासी के बावजूद, कुछ क्षेत्र घरेलू संस्थागत निवेशकों के मजबूत निवेश से लाभान्वित हुए. एक्सिस के आब्रिट्राज फंड आज मुख्य रूप से एक्सिस मनी मार्केट फंड में निवेश करता है. इस फंड के पास एक से नौ महीने की परिपक्वता प्रोफाइल के साथ उच्च रेटिंग वाले मनी मार्केट साधन भी हैं.
बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए फंड हाउस पूरे महीने अपने निवेश की बारीकी से निगरानी करता है. आर्बिट्राज फंड में प्रवेश और निकासी का समय महत्वपूर्ण है, और निवेशकों को इस क्षेत्र में अपने निवेश के दौरान सतर्क रहना चाहिए.