Smart Beta ETF की Low Volatility स्ट्रैटजी कितनी फायदेमंद?
स्मार्ट बीटा स्ट्रैटजी का फायदा है कि ये जोखिम को कम करके बेहतर रिटर्न देने की कोशिश करता है. स्मार्ट बीटा फंड की एक स्ट्रैटजी है Low Volatility. कैसे काम करती है Low Volatility स्ट्रैटजी? Stock Market के उतार-चढ़ाव से कैसे निवेशकों को बचाती है? जानिए इस वीडियो में-
म्यूचुअल फंड में निवेश के दो तरीके हैं- एक्टिव और पैसिव. एक्टिव ऑप्शन के तहत फंड मैनेजर स्कीम के फंड को सक्रिय रूप से मैनेज करता है जबकि पैसिव फंड सेंसेक्स और निफ्टी जैसे किसी खास इंडेक्स को ट्रैक करने वाली स्कीम्स में निवेश करते हैं. उदाहरण के लिए एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ. ईटीएफ में एक नई स्ट्रैटजी तेजी से उभर रही है जिसे स्मार्ट बीटा कहते हैं. यह स्ट्रैटजी एक्टिव और पैसिव स्ट्रैटजी का मिक्सर यानी संयोजन है जो मोमेंटम, वैल्यू, वोलैटिलिटी और क्वालिटी जैसे विशेष फैक्टर्स के आधार पर शेयरों का चयन करते हैं. ऐसी ही एक स्ट्रैटजी है लो वोलैटिलिटी. इस स्ट्रैटजी को फॉलो करने वाले ईटीएफ निफ्टी Nifty100 Low Volatility 30 Index को ट्रैक करते हैं. ये इंडेक्स निफ्टी100 इंडेक्स में शामिल 100 कंपनियों के शेयरों में से ऐसे 30 शेयरों के प्रदर्शन को ट्रैक करते हैं जिनमें पिछले एक साल में सबसे कम उतार-चढ़ाव आया हो. ये ETFs ऐसे निवेशकों के लिए सही हैं जो बाजार में ज्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते और निवेश भी करना चाहते हैं.
Published: December 30, 2024, 10:06 IST
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