रिपोर्ट में बताया गया है कि माइक्रो फाइनेंस क्षेत्र गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है. बड़ी तादाद में कर्जदार समय पर किस्तें नहीं चुका पा रहे हैं.
सुपर माइक्रो को 2018 में नैस्डैक से अस्थायी रूप से हटा दिया गया था क्योंकि उसने आवश्यक वित्तीय स्टेटमेंट दाखिल नहीं किया था.
अब अपने 30,000 से ज्यादा स्टॉक कीपिंग यूनिट्स (SKU) को क्विक-कॉमर्स सेगमेंट में ले आया है, जो ब्लिंकिट के 25,000 SKU और जेप्टो के 10,000 SKU से कहीं ज्यादा है.
आदेश में शिकायतों के निपटारे से जुड़ अधिकारियों की नियुक्ति का सुझाव भी दिया गया है, साथ ही कहा गया है कि इस संबंध में सरकार के जन सेवा और सुविधा के व्यापक दृष्टिकोण को ध्यान में रखे जाने पर जोर देने की जरूरत है.
बजाज हाउसिंग फाइनेंस, आदित्य बिड़ला फाइनेंस और एलएंडटी फाइनेंस सहित दूसरी सभी अपर लेयर की एनबीएफसी आरबीआई द्वारा निर्धारित लिस्टिंग नियमों का अनुपालन कर रही हैं.
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक आनंद कुलकर्णी के मुताबिक यूरिया उत्पादन में नई निवेश नीति ने संरचनात्मक रूप से आयात निर्भरता को कम करने में अहम भूमिका निभाई है.
फूड बिजनेस ऑपरेटर (FBO) A1 और A2 प्रकार के दूध के दावों के साथ अपने उत्पादों को बाजार में बेचना जारी रख सकते हैं.
इस फंड ने निफ्टी की तुलना में दोगुने से भी अधिक रिटर्न दिया है. निफ्टी का सीएजीआर 16 फीसदी रहा है.
कुछ शीर्ष लग्जरी कार निर्माता कंपनियां लगभग 25,000 रुपए तक की छूट दे सकती हैं. कंपनियों ने यह निर्णय सरकार की ओर से की जा रही पहल के तहत लिया है.